तुर्की और ग्रीस की सीमा पर शरणार्थियों को लेकर तनाव
२ मार्च २०२०ग्रीस सरकार ने पूर्वोत्तर के शहर कोस्तानिस में सीमा पर लगातार दो दिनों से चल रहे टकराव को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है. ग्रीक सरकार द्वारा मुहैया कराए गए वीडियो में तुर्की की ओर से ग्रीक पुलिस पर आंसू गैस के गोले दागते दिख रहा है. तुर्की ने सीरिया के इदलीब शहर में बिगड़ते हालात के बीच पिछले गुरुवार को कहा था कि वह शरणार्थियों को यूरोप जाने की इजाजत दे देगा. सीरिया में हवाई हमले में तुर्की के 33 सैनिकों के मारे जाने के बाद तुर्की ने शरणार्थियों पर अपना रवैया बदला है. इसका मकसद सीरिया के गृहयुद्ध में यूरोपीय संघ पर मदद के लिए दबाव डालना है.
सीमा की ओर जाते शरणार्थी
तुर्की के सीमा खोलने के फैसले के बाद कम से कम 600 लोग समुद्री रास्ते से ग्रीस के लेसबोस, चियोस और सामोस द्वीपों पर पहुंचे हैं. ये द्वीप तुर्की के समुद्र तट से कुछ ही घंटों की दूरी पर हैं. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है कि कुछ शरणार्थी इव्रो नदी पार कर ग्रीक सीमा में पहुंचे हैं. वे छोटे छोटे दलों में सीमा पार कर रहे हैं और उनमें एक अफगान मां अपने पांच दिन के बच्चे को साथ लेकर गई है. ग्रीस के सरकारी सूत्रों ने कहा है कि तुर्क सीमा पर 3000 लोग जमा हैं जबकि अंतरराष्ट्रीय आप्रवासी संस्था ने उनकी संख्या 13,000 बताई है.
चार साल पहले 2015-2016 में ग्रीस के रास्ते लाखों शरणार्थी यूरोप आए थे. 40,000 शरणार्थी अभी भी ग्रीस के एजियन द्वीपों पर फंसे हुए हैं. इसके साथ शुरू हुए संकट ने न सिर्फ यूरोप को विभाजित कर दिया बल्कि कई देशों में धुर दक्षिणपंथी पार्टियों के उदय का कारण भी बना. शरणार्थी संकट के चलते लगातार होने वाली हारों के बाद जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था.
यूरोप की प्रतिक्रिया
इस समय तुर्की के साथ यूरोपीय संघ के रिश्ते बहुत अच्छे नहीं हैं. राष्ट्रपति एर्दोवान के आलोचना को दबाने की कोशिशों और आलोचकों के सख्त दमन और साइप्रस के तट पर हाइड्रो कार्बन की ड्रिलिंग को लेकर यूरोपीय संघ नाराज है और बिगड़े रिश्तों के बीच नए शरणार्थी संकट पर अपना रुख तय करने में लगा है. यूरोपीय संघ के मुख्यालय ब्रसेल्स में अगले कदम तय करने के लिए सदस्य देशों के शरणार्थी और विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाई गई है. उधर यूरोपीय सीमा सुरक्षा संगठन फ्रंटेक्स ने कहा है कि वह बाहरी सीमा की सुरक्षा में मदद देने के लिए ग्रीस के साथ बात कर रहा है.
ताजा शरणार्थी संकट ग्रीस के लिए 2015 के शरणार्थी संकट के बाद सबसे गंभीर परीक्षा है. उस समय वह वित्तीय समस्याओं के कारण यूरो जोन से बाहर निकाले जाने का सामना कर रहा था. ताजा संकट ने तुर्की के साथ ग्रीस के लंबे समय से चले आ रहे तनाव को भी फोकस में ला दिया है. ग्रीस ने अपनी सीमा बंद कर दी है और शरणार्थियों को देश में घुसने से आगाह किया है. ग्रीस के स्काई टीवी के अनुसार कस्तानीस में सीमा पर लााउडस्पीकर से शरणार्थियों से अंग्रेजी और अरबी में कहा जा रहा है कि उनका स्वागत नहीं है, "सीमाएं बंद हैं." लेसबोस द्वीप पर ग्रीक लोगों का छोटा दल नावों से आने वाले शरणार्थियों को रोकने की कोशिश कर रहा है और उनसे तुर्की वापस लौटने को कह रहा है. पिछले हफ्ते आप्रवासियों के रहने के लिए घर बनाने की योजना का विरोध करने वाले स्थानीय लोगों और दंगा पुलिस के बीच संघर्ष हुआ था.
सुरक्षा इंतजामों में बढ़ोत्तरी
ग्रीस ने अपनी सीमा पर सुरक्षा बंदोबस्त उच्चतम स्तर पर बढ़ा दिया है. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस ने ये घोषणा की है. तुर्की द्वारा सीमा को खोले जाने के बाद देश के उत्तर पूर्व में थल और जल सीमाओं पर गश्त बढ़ा दी गई है. ग्रीस सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि उनका देश अगले एक महीने तक शरण का कोई नया आवेदन स्वीकार नहीं करेगा. उन्होंने अपने देश के लिए विषम सुरक्षा खतरे की बात कही है. तुर्की ने ग्रीस सरकार की आलोचना ठुकरा दी है और शरणार्थियों के प्रति ग्रीस के रवैये की आलोचना की है.
बुल्गारिया के राष्ट्रपति बोइको बोरिसोव सीमा की स्थिति पर चर्चा के लिए सोमवार को तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तय्यप एर्दोवान से मिल रहे हैं. मुलाकात तुर्की की राजधानी अंकारा में होगी. तुर्की द्वारा यूरोपीय संघ के साथ लगी सीमाओ को खोले जाने के बाद बोरिसोव पहले यूरोपीय नेता हैं जो एर्दोवान से मिल रहे हैं. बुल्गारिया की सरकार ने कहा है कि राष्ट्रपति बोरिसोव तुर्क राष्ट्रपति के साथ सीरिया संकट के समाधान पर बातचीत करेंगे. अंकारा जाने से पहले बुल्गारिया के राष्ट्रपति ने यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला फॉन डेय लाएन, जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल, ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस और ऑस्ट्रिया के चांसलर सेबास्चियन कुर्त्स से बातचीत की थी.
यूरोपीय संघ की मंत्री परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने कहा है कि वे मित्सोताकिस के साथ सीमा का दौरा करेंगे. उन्होंने ट्वीट किया है कि वे सीमा सुरक्षा के ग्रीस के प्रयासों का समर्थन करते हैं. तुर्की की सरकार ने वीकएंड के दौरान यूरोपीय संघ से लगी अपनी सीमा को शरणार्थियों के लिए खोल दिया था. तुर्क राष्ट्रपति एर्दोवान ने अपने फैसले की वजह ये बताया है कि यूरोपीय संघ 2016 में की गई शरणार्थी संधि का पालन नहीं कर रहा है. इस संधि में तुर्की ने ग्रीस के द्वीपों पर जाने वाले सभी शरणार्थियों को वापस लेने का वचन दिया था जबकि यूरोपीय संघ ने तुर्की को अरबों यूरो की मदद, वीजा नियमों को आसान बनाने और कस्टम यूनियन के आधुनिकीकरण का आश्वासन दिया था.
एमजे/सीके (रॉयटर्स, एएफपी, डीपीए)
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