दिल्ली में उतरी आकाश की रानी
७ अगस्त २०१२जैसे ही लुफ्थांसा का बी 747-8 इंटरकॉन्टिनेंटल विमान इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल तीन पर पहुंचा, जश्न शुरू हो गया. विमान को वाटर कैनन से नहलाते हुए सलामी दी गई. इसी के साथ दिल्ली दूसरी ऐसी जगह बन गई जहां यह विमान उतरा है. विमान फ्रैंकफर्ट से दिल्ली पहुंचा.
एशिया में बी 747-8 इंटरकॉन्टिनेंटल की पहली फ्लाइट का स्वागत करने पहुंचे लुफ्थांसा के दक्षिण एशिया के निदेशक आलेक्स हिल्गेर्स ने कहा, "इस शानदार विमान को भारत में लाने वाली पहली एयरलाइस बनना, ये दिखाता है कि यहां हम सफलता के प्रति वचनबद्ध हैं. एशिया में भारत को लुफ्थांसा का नया कारोबारी वर्ग बनना दिखाता है कि हम भारतीय ग्राहकों को लुफ्थांसा की दुनिया भर की बेहतरीन सेवाएं दे रहे हैं."
बोइंग कंपनी का यह नया विमान फिलहाल दो ही जगहों की उड़ान भर रहा है. दोनों जगह लुफ्थांसा इसे उड़ा रही है. एक रूट फ्रैंकफर्ट-वॉशिंगटन है और दूसरा भारत. 362 सीटों वाले बी 747-8 इंटरकॉन्टिनेंटल को 'आकाश की रानी' नाम दिया गया है. कई सालों की रिसर्च के बाद बनाए गए इस विमान में फर्स्ट क्लास की आठ, बिजनेस क्लास की 92 और इकोनोमी क्लास की 262 सीटें हैं.
नए विमान के बिजनेस क्लास काफी ज्यादा जगह है. सीट को साढ़े छह फुट का आरामदायक बिस्तर बनाया जा सकता है. नींद में कोई खलल न पड़े, इसके लिए केबिन को ज्यादा निजी बनाया गया है. इकोनोमी क्लास के यात्रियों के लिए भी ज्यादा जगह है. पैर फैलाने वाली जगह को पांच से सात सेंटीमीटर बढ़ाया गया है. नई सीटों की चौड़ाई भी ज्यादा है. वे 52 सेंटीमीटर चौड़ी हैं. तीनों क्लासों में सीट के ऊपर सामान रखने की जगह भी ज्यादा है और नया इंटरटेनमेंट सिस्टम लगा है.
बी 747-8 एरोडायनमिक्स के मामले काफी आगे है. विमान किफायती भी है. यह और विमानों से 15 फीसदी कम तेल पीता है. प्रति यात्री के हिसाब से यह कार्बन डाय ऑक्साइड भी कम छोड़ता है.
लुफ्थांसा के मुताबिक भारत आई बी 747-8 इंटरकॉन्टिनेंटल की पहली फ्लाइट ने यात्रियों में भी उत्साह भर दिया. लुफ्थांसा दिल्ली के अलावा बैंगलोर-फ्रैंकफर्ट रूट पर भी बी 747-8 इंटरकॉन्टिनेंटल उड़ाएगा. लुफ्थांसा अब तक दिल्ली रूट पर बोइंग 747-400 उड़ा रहा था. कंपनी का कहना है कि मुंबई-म्यूनिख के बीच भी जल्द ही एयरबस का नया विमान ए 330-300 लॉन्च किया जाएगा.
रिपोर्टः ओ सिंह (पीटीआई)
संपादनः ए जमाल