दो लाख करोड़ का एक और घोटाला
८ फ़रवरी २०११इसरो ने एस बैंड स्पेक्ट्रम बांटे हैं. वाम दलों ने आरोप लगाया है कि इसके लिए इसरो ने बिनी किसी नीलामी के ही स्पेक्ट्रम बांट दिया और निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाया. सीपीएम पोलित ब्यूरो के सदस्य सीताराम येचुरी ने कहा, "यह एक नया मामला है. इसरो अंतरिक्ष विभाग के तहत काम करता है और यह विभाग प्रधानमंत्री के अधीन है. यह नया घोटाला है."
भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के सचिव डी राजा ने कहा कि नए खुलासे काफी गंभीर हैं और इनकी पूरी जांच होनी चाहिए. आरएसपी नेता अबनी रॉय ने तो इसके लिए भी जॉइंट पार्लियामेंटरी कमेटी (जेपीसी) की मांग कर डाली.
मीडिया खबरों के मुताबिक महालेखापरीक्षक (सीएजी) ने इसरो के बैंगलोर की एक कंपनी के साथ हुए समझौते की जांच शुरू की है. इस कंपनी के साथ इसरो ने दो उपग्रहों के लॉन्च के लिए समझौता किया. आरोप हैं कि इसरो ने कंपनी को एस बैंड स्पेक्ट्रम का 70 मेगाहर्ट्ज 20 साल के लिए बिना किसी बोली प्रक्रिया के ही दे दिया.
खबरों में सीएजी की शुरुआती रिपोर्ट का हवाला दिया गया है जिसके मुताबिक इसरो के इस स्पेक्ट्रम बंटवारे से कम से कम दो लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इस बारे में डी राजा ने कहा, "इस खुलासे ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में नया पहलू जोड़ दिया है. इसरो सीधे सीधे प्रधानमंत्री के अधीन काम करता है. यह गंभीर मामला है क्योंकि इसरो अंतरिक्ष के बारे में काम करता है और यह देश की सुरक्षा से जुड़ा है."
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए कुमार