धोखेबाज या हीरो हैं ब्रैडली मैनिंग
३ जून २०१३अमेरिका में फोर्ट मियडे, मैरीलैंड की अदालत ब्रैडली मैनिंग की सुनवाई कर रही है. मैनिंग वही अमेरिकी सैनिक हैं जिन्होंने विकीलीक्स को हजारों खुफिया दस्तावेज मुहैया कराए थे.
मैनिंग ने विकीलीक्स के जूलियन असांज को हजारों खुफिया दस्तावेजों के साथ ही, कूटनीतिक दस्तावेज और सैन्य वीडियो भी मुहैया कराए. इन्हीं दस्तावेजों को अपनी वेबसाइट पर जारी कर विकीलीक्स ने बड़ा हंगामा खड़ा किया. असल मुकदमे से पहले की सुनवाइयों के दौरान एक गवाह ने मैनिंग के बारे में कहा, "मैनिंग बेहद चतुर हैं और जानते हैं कि वो कहां हैं."
अदालत का फैसला तो सुनवाई के बाद आएगा और उसमें चाहे जो निकले, मैनिंग उससे पहले ही लोगों के दिलों तक पहुंच चुके हैं. हालांकि उनके बारे में अदालती कार्रवाई को अमेरिकी मीडिया ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही है. बड़ी संख्या में लोग उनके मुकदमे में दिलचस्पी ले रहे हैं. वियतनाम का विरोध करने वाले बुजुर्गों का दल और विकीलीक्स को पसंद करने वाली नई पीढ़ी उनके साथ आती दिख रही है.
सजा से पहले सजा
मैनिंग को 2010 की मई में गिरफ्तार करने के तुरंत बाद से ही क्वांटिको, वर्जीनिया की सैन्य जेल में रखा गया है. तब से अब तक के बीच ज्यादातर समय उन्हें प्रीवेंशन ऑफ इंजरी दर्जे में रखा गया है. ऐसी हालत में गार्ड हर पांच मिनट में उनकी तलाशी लेते हैं. उन्हें तेज रोशनी में सोना पड़ता है, काम के दौरान वो दीवार का सहारा भी नहीं ले सकते और गार्ड के साथ गुस्से में बात करने पर उनके कपड़े और चश्मा छीन लिया गया. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो हल्ला मचने के बाद मैनिंग को 2011 में एक मध्यम सुरक्षा वाली जेल में भेजा गया.
बर्लिन की यूरोपीयन सेंटर फॉर कांस्टीट्यूशनल एंड ह्यूमन राइट्स के प्रमुख मिषाएल राटनर ने मैनिंग के मुकदमे से पहले सुनवाइयों में हिस्सा लिया. 69 साल के रैटनर ने डीडब्ल्यू से बातचीत में कहा, "मेरे लिए उस सुनवाई को देखना कोर्टरूम में अब तक का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण दिन था. शुरू से आखिर तक मेरी आंखों से आंसू निकलते रहे. उस युवा ने हमारी सरकार की सबसे कठोर सजाएं भुगती हैं और फिर भी अभूतपूर्व सम्मान के साथ गवाही दी है." रैटनर ने ग्वांतनामो के कैदियों की वकालत करने के साथ ही अमेरिकी अदालत में जूलियन असांज का भी मुकदमा लड़ा है.
डैनियल एल्सबर्ग अमेरिका के पूर्व मरीन हैं और पेंटागन के कुछ दस्तावेजों को सार्वजनिक कर दुनिया भर में ख्याति बटोरी है. यह दस्तावेज वियतनाम जंग से जुड़े हुए थे. एल्सबर्ग भी कोर्टरूम में दिखते रहते हैं. वह उस वीडियो को सार्वजनिक करने के लिए मैनिंग की तारीफ करते हैं जिसमें अमेरिकी सैनिकों को हेलिकॉप्टर से निहत्थे लोगों पर गोलीबारी करते दिखाया गया. एल्सबर्ग कहते हैं, "हेलिकॉप्टर के गनर पीछा करते और सादे कपड़े में निहत्थे लोगों को गोली मार देते या घायल कर देते. इन इलाकों में अमेरिकी सैनिक टुकड़ियां पहले से मौजूद रहती और वो वहां जा कर फिर बाकी बचे लोगों को गिरफ्तार कर लेती. इस तरह की गोलीबारी साफ तौर पर हत्या थी. वह युद्ध अपराध था."
मैनिंग के आलोचक उन्हें मानसिक रूप से अस्थिर और बदहवास बताते हैं. मैनिंग और एक कंप्यूटर हैकर आद्रियान लैमो के बीच तब कंप्यूटर पर चैटिंग होती थी जब मैनिंग इराक में बगदाद के पास आठ महीने के लिए तैनात थे. यह बातचीत मैनिंग की अपने बारे में सोच को जाहिर करने वाला इकलौता जरिया है. इनमें मैनिंग ने खुद को संवेदनशील, बुद्धिमान और शारीरिक रूप से छोटा बच्चा कहा है जो शुरूआती दिनों में गाली गलौज, शराबी बाप से जूझता रहा और फिर अपनी मां के साथ वेल्स चला गया. उसने अपने बारे में कहा है कि वह फौज में इसलिए गया क्योंकि उसे कॉलेज जाने के लिए पैसों की जरूरत थी और उसकी कंप्यूटर में दक्षता को पहले बहुत सराहना मिली. उसके मुताबिक इराक में तैनाती के दौरान वह अलग थलग महसूस करने लगा. उसने लैमो को लिखा था, "मैं बहुत अकेला हो गया हूं, भावनात्मक जुड़ाव के सारे चैनल परिवार, दोस्त, भरोसेमंद सहकर्मी सभी खो गये हैं."
उसके बाद मैनिंग ने लैमो को यह भी लिखा, "अगर तुम्हारे पास लंबे समय के लिए करीब 8-9 महीने के लिए गोपनीय दस्तावेजों की कमान रहे और तुम अनोखी चीजें देखो, ऐसी चीजें जो सार्वजनिक जीवन से जुड़ी हैं, विदेश विभाग की 260,000 केबल जो दुनिया भर के दूतावासों और कॉन्सुलेट से मिले हैं, जिनमें यह ब्यौरा है कि कैसे पहली दुनिया ने तीसरी दुनिया का शोषण किया...तुम क्या करोगे?
मैनिंग के सामने एक बहुत बड़ी जंग है. उसने अपने वकील से कहा कि वह कॉलेज की डिग्री लेकर सार्वजनिक सेवा में जाना चाहता है ताकि बदलाव ला सके. सुनवाई के बाद उसके साथ क्या किया जाएगा यह तो पता नहीं लेकिन बहुत हद तक उसने यह काम पहले ही कर दिया है.
रिपोर्टः सैंडी हाउसमान/एनआर
संपादनः महेश झा