नई वैश्विक व्यवस्था पर बात करते यूरोप और चीन
२६ मार्च २०१९फ्रांस की राजधानी पेरिस पहुंचे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करने जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जॉं क्लोद युंकर भी पहुंचे. इसके बाद मैर्केल, युंकर और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने बातचीत की. मंगलवार को चीनी राष्ट्रपति के यूरोप दौरे का आखिरी दिन था. बातचीत में फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने चीन से "यूरोपीय संघ की एकता और दुनिया में उसके मूल्य का आदर" करने की अपील की. शी और माक्रों ने बहुपक्षता के गुणों पर भी चर्चा की.
माक्रों ने कहा, "हम बहुपक्षीयता के नवीनीकरण के मामले में प्रगति करना चाहते हैं. हमारे बीच भिन्नताएं हैं, जाहिर है इंसानी ताकत का इतिहास कभी प्रतिस्पर्धा के बिना आगे नहीं जाता, हम में कोई भी निष्कपट नहीं है."
चीन के राष्ट्रपति शी ने कहा कि समृद्ध यूरोप, "बहुध्रुवीय दुनिया के चीन के विजन" के साथ संवाद कर रहा है. उन्होंने कहा कि आपसी शंकाओं के बावजूद यूरोपीय संघ और चीन "साथ में प्रगति" कर रहे हैं. शी ने माना कि यूरोपीय संघ और चीन एक दूसरे के प्रतिस्पर्धी भी हैं.
बातचीत के बाद फ्रांस, जर्मनी, यूरोपीय संघ और चीने के नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान सभी ने यूरोपीय संघ और चीन के बीच आपसी सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया. माक्रों ने जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए चीन द्वारा उठाए गए कदमों को स्वागत किया. उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी का आभार जताया. बातचीत करने वाले चारों पक्षों ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में सुधारों का जिक्र करते हुए कहा कि संस्था को ज्यादा तेज और बेहतर होना चाहिए.
जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने कहा कि कम डिटेल्स के बावजूद यूरोपीय संघ चीन की "सिल्क रूट पहल में एक भूमिका चाहता है." मैर्केल ने यह भी माना कि यूरोपीय संघ अमेरिका और चीन के बीच जारी कारोबारी युद्ध को सुलझाने वाली वार्ताओं को करीब से देख रहा है. जर्मन चांसलर के मुताबिक अगर ये बातचीत असफल हुई तो इसका असर जर्मनी और यूरोपीय संघ पर भी पड़ेगा.
यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जॉं क्लोद युंकर के मुताबिक यूरोपीय संघ और चीन साथ मिलकर महान चीजें कर सकते हैं. युकंर के मुताबिक दोनों पक्षों को ऐसे चीजें आपसी सहयोग से करनी चाहिए. हालांकि युंकर ने भी माना कि यूरोपीय संघ और चीन एक दूसरे के प्रतिस्पर्धी और प्रतिद्ंवद्वी भी हैं, "हमारे बीच प्रतिस्पर्धा भी अच्छी चीज है." युंकर ने चीनी राष्ट्रपति से कहा कि जिस तरह के मौके चीनी कंपनियों को यूरोपीय संघ में मिलते हैं, वैसे ही मौके ईयू की कंपनियों को चीन में भी मिलने चाहिए.
हाल के समय में यूरोपीय संघ में चीनी कंपनियों के बढ़ते अधिग्रहणों को लेकर चिंता का माहौल है. यूरोप भी अब विदेशी निवेश पर नियंत्रण के लिए सख्त नियम बनाने पर विचार कर रहा है. अमेरिका का आरोप है कि चीन सरकार निवेश के माध्यम से पश्चिम की संवेदनशील तकनीकी कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी खरीद रही है.
विदेशी कंपनियों को बिना टेंडर ठेका देती चीन सरकार
इससे पहले सोमवार को चीन और फ्रांस ने दर्जनों कारोबारी समझौतों का एलान किया. इनमें सबसे बड़ा सौदा 300 एयरबस विमानों का है. बीजिंग ने 290 एयरबस A320 और 10 एयरबस A350 विमान खरीदेगा. इसके अलावा दोनों देशों के बीच परमाणु ऊर्जा, सांस्कृतिक आदान प्रदान और स्वच्छ ऊर्जा के समझौते भी शामिल हैं.
फ्रांस, चीन को 40 अरब डॉलर का फ्रोजन चिकन भी बेचेगा. माक्रों ने कहा कि, चीन और यूरोप के आर्थिक और कारोबारी रिश्ते "निष्पक्ष और संतुलित ढांचे की नींव पर बनना चाहिए."
फ्रांस से पहले शी जिनपिंग इटली के दौरे पर थे. उस दौरान दोनों देशों के बीच सिल्क रूट समझौते पर सहमति बनी. अब इटली चीन के न्यू सिल्क रोड प्रोजेक्ट में शामिल होने वाला पहला जी7 देश बन चुका है. चीन के वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट को अमेरिका और यूरोपीय संघ शक की नजर से देखते रहे हैं.
अब माक्रों ने कहा है कि फ्रांस और चीन इस प्रोजेक्ट की कुछ परियोजनाओं में सहयोग करेंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के अकेले लिए जाने वाले फैसलों और तमाम ऐतराज के बावजूद अब यूरोपीय संघ और चीन एक दूसरे के ज्यादा करीब आने लगे हैं. ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट नीति से यूरोप, चीन और भारत समेत दुनिया के अधिकतर देश आहत है. अमेरिका पहले के मुकाबले ज्यादा अकेला पड़ गया है. यह दरार कितनी गहरी होगी इसका पता अब 9 अप्रैल को ब्रसेल्स में होने वाले चीन-ईयू सम्मेलन में चलेगा.
(क्या है चीन का "वन बेल्ट, वन रोड" प्रोजेक्ट)
ओएसजे/एए (एपी, रॉयटर्स, डीपीए)