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नकाब महिलाओं को सशक्त बनाता है: ब्रिटिश मंत्री

१९ जुलाई २०१०

यूरोप में सार्वजनिक स्थानों पर बुर्के पर रोक लगाए जाने का मुद्दा गर्म है. फ्रांस और बेल्जियम में तो बुर्के पर पाबंदी का बिल भी पास हो चुका है. ब्रिटेन की एक मंत्री ने नकाब को सशक्त बनाने में मददगार कहा है.

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तस्वीर: picture alliance/abaca

ब्रिटेन की पर्यावरण मंत्री कैरोलाइन स्पैलमैन ने कहा है कि महिलाओं को चेहरा ढकने या न ढकने का फैसला करने की आजादी देने से उन्हें अपनी मज़बूती का एहसास होता है. इससे पहले ब्रिटेन के इमिग्रेशन मंत्री डेमियन ग्रीन ने ब्रिटेन में भी बुर्के पर पाबंदी के पक्ष में उठ रही आवाजों को शांत करने की कोशिश की थी. ब्रिटेन के डेली मेल अखबार के मुताबिक ग्रीन ने कहा है कि बुर्के पर पाबंदी ब्रिटिश मूल्यों के खिलाफ होगी और इससे सहनशील और सभी संस्कृतियों का आदर करने वाला समाज होने के दावे पर सवाल उठ खड़े होंगे.

हालांकि यूगोव की ओर से एक सर्वे में बताया गया है कि ब्रिटेन में करीब 67 फीसदी वोटर बुर्के पर पाबंदी के पक्ष में है. फ्रांस में संसद के निचले सदन ने बुर्का पहनने पर पाबंदी को भारी मतों से मंजूरी दे दी है जबकि स्पेन और बेल्जियम में भी इसी तरह के कानून बनने की प्रक्रिया में है. ब्रिटेन की कंजरवेटिव सरकार में जो सांसद बुर्के पर पाबंदी के पक्ष में है उनमें फिलिप हॉलबॉन भी हैं. उन्होंने एक बिल पेश पेश किया है जिसके मुताबिक सार्वजनिक स्थानों पर अपना चेहरा ढकना गैरकानूनी हो जाएगा.

Flash-Galerie Verschleierungsdebatte
तस्वीर: AP

लेकिन पर्यावरण मंत्री कैरोलाइन स्पैलमैन मानती है कि महिला अधिकारों के लिए बुर्का बेहद अहम है. "मैं इस देश में रहती हूं और एक महिला के तौर पर मैं यह नहीं सुनना चाहूंगी कि मैं क्या पहनूं और क्या नहीं. मैं अफगानिस्तान जा चुकी हूं और मैं समझ सकती हूं कि मुस्लिम महिलाएं आखिर बुर्का क्यों पहनना चाहती हैं. यह उनकी संस्कृति का हिस्सा है, यह समझ का हिस्सा है कि वह बुर्का पहन कर बाहर जाना चाहती हैं. अगर इस देश में कोई बुर्का पहन कर रहना चाहे तो उसे ऐसा करने की आजादी होनी चाहिए. हम एक आजाद देश हैं और हम इसे सबसे अहम मानते हैं."

बुर्के और चेहरा ढकने पर पाबंदी के मुद्दे पर यूरोपीय देशों में तेज होती बहस के सिलसिले में ब्रिटेन अगली कड़ी है. लेकिन ब्रिटेन की सरकार के लिए इस मुद्दे पर फैसला लेना आसान नहीं होगा क्योंकि ब्रिटेन में मुस्लिम बड़ी संख्या में रहते हैं. कोई भी सरकार बड़ा फैसला लेने से पहले अपने यह सुनिश्चित कर लेना चाहेगी कि उसके फैसले से मुस्लिम समुदाय नाराज न हो.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: उभ