नस्ली टिप्पणी से खिन्न केविन प्रिंस बोआटेंग
७ जनवरी २०१३दिग्गज इतालवी टीम एसी मिलान और छोटी टीम प्रो पैत्रिया के बीच दोस्ताना मुकाबले के दौरान दर्शकों ने केविन प्रिंस बोआटेंग पर फब्तियां कसीं. बोआटेंग के पिता घाना के हैं, जबकि मां जर्मन हैं. उनके भाई जेरोम बोआटेंग जर्मनी की राष्ट्रीय टीम से खेलते हैं.
बोआटेंग ने टिप्पणियों के बाद भड़कते हुए गेंद को भीड़ की तरफ किक कर दिया. फिर कमीज उतार कर गुस्सा जताया. इसके बाद पूरी टीम मैच छोड़ कर मैदान से बाहर निकल गई. टीम के मालिक और पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी ने बोआटेंग का समर्थन किया है.
जर्मनी के अखबार 'बिल्ड' से बोआटेंग ने कहा, "मैं इस बारे में और सोचूंगा और अपने सलाहकार रॉजर विटमन से भी बात करूंगा. उसके बाद तय करूंगा कि क्या मुझे इटली के किसी क्लब के लिए आगे और खेलना चाहिए?" बोआटेंग इससे पहले ब्रिटेन के टॉटनहैम और पोर्ट्समाउथ क्लबों के लिए खेल चुके हैं.
उन्होंने कहा, "मैं सदमे में होने के साथ ही गुस्से में भी हूं और दुखी भी हूं. साल के शुरुआत में ही इस तरह की घटना ने मुझे दुखी किया है. यह सिर्फ इटली के लिए ही नहीं बल्कि दुनिया भर के फुटबॉल प्रेमियों के लिए दुख की बात है."
केविन प्रिंस बोआटेंग ने यह भी कहा कि उनकी इस प्रतिक्रिया का मकसद लोगों को यह बताना था कि इस तरह की टिप्पणियों को स्वीकार नहीं किया जा सकता.
सिर्फ इटली में नहीं
डॉयचे वेले के खेल संपादक योशा वेबर कहते हैं, "फुटबॉल में नस्लों से जुड़ी यह पहली घटना नहीं है. हालांकि लाजियो रोम जैसे कुछ क्लब इस बर्ताव को पी जाते हैं. यह समस्या सिर्फ इटली की भी नहीं है. इंग्लैंड और जर्मनी में भी ये दिक्कतें सामने आई हैं. नवनाजी गुंडागर्दी से जूझने वाले ड्वीनामो ड्रेसडेन या हंसा रॉस्टॉक के मामले भी खेल में जातिवादी भेदभाव का उदाहरण हैं."
फिर छोड़ सकते हैं मैदान
बोआटेंग ने संकेत दिए हैं कि अगर इस तरह की कोई घटना फिर हुई तो वह फिर से मैदान छोड़ कर जा सकते हैं. उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि उनकी टीम के बाकी खिलाड़ियों ने भी उनका साथ दिया. इटली की समाचार एजेंसी अनसा के अनुसार टीम के मालिक बर्लुस्कोनी ने टीम के इस फैसले का समर्थन किया है. इटली के कोच सीजर प्रांदेली चेजरे प्रांदेली ने भी बोआटेंग और एसी मिलान के बाकी खिलाड़ियों के मैदान छोड़कर निकल जाने के फैसले का सम्मान किया है. इतालवी फुटबॉल संघ ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
रिपोर्टः समरा फातिमा (डीपीए,एसआईडी)/एजेए