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ना पैसा ना मजबूत स्वास्थ्य सेवा लेकिन काबू में कोरोना

रोडियोन एबिगहाउजेन
२९ मार्च २०२०

सघन आबादी वाला चीन का एक पड़ोसी देश कमजोर स्वास्थ्य सेवाओं और कोरोना से लड़ने के लिए कम बजट होने के बावजूद मुस्तैदी दिखा रहा है. आखिर वियतनाम पीड़ितों की संख्या इतना कम रखने में कैसे सफल हो रहा है.

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Vietnam Hanoi | Schutzmaßnahmen vor Coronavirus
तस्वीर: Reuters/Kham

कोरोना वायरस की महामारी चीन से 10 हजार किलोमीटर दूर अमीर यूरोपीय देशों को निशाना बना रही है लेकिन वहीं पास में मौजूद वियतनाम मोटे तौर पर इससे अछूता रह गया है.

दुनिया भर के कोरोना वायरस पीड़ितों का सबसे बड़ा हिस्सा अब यूरोप में हैं लेकिन चीन के साथ 1100 किलोमीटर लंबी साझी सीमा वाले वियतनाम में महज 179 लोग संक्रमित हैं और अब तक किसी की मौत नहीं हुई है. बहुत सावधानी से इन नंबरों को देखने के बाद भी एक बात तो बिल्कुल साफ है कि वियतनाम कोरोना वायरस से लड़ाई में अब तक सफल रहा है.

जनवरी के आखिर में नए साल के जश्न के दौरान ही वियतनाम की सरकार ने कोरोना वायर के खिलाफ “जंग छेड़ने का एलान” कर दिया. हालांकि उस वक्त तक कोरोना का संक्रमण केवल चीन में ही था. प्रीमियर एनगुएऩ शुआन फुक ने वियतनाम की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की एक बैठक के दौरान कहा कि कोरोना वायरस के देश तक पहुंचने में देर नहीं होगी. फुक ने कहा, “महामारी से जंग का मतलब है, दुश्मन से जंग.”

हर मोर्चे पर जंग

यह जंग हालांकि सरकारी पैसे और स्वास्थ्य सेवाओं के दम पर लड़ी जानी थी और दोनों ही चीजों में देश की हालत अच्छी नहीं थी. वियतनाम के पास दक्षिण कोरिया की तरह बड़े पैमाने पर लोगों का परीक्षण करने की क्षमता नहीं है. देश का स्वास्थ्य तंत्र सीमित है. हो ची मिन्ह शहर के मेयर एन्गुएन थान्ह फोंग ने बताया कि 80 लाख लोगों की आबादी वाले शहर के अस्पतालों में महज 900 इंटेंसिव केयर बेड हैं. शहर में अगर महामारी फैली तो उसे संभालना मुश्किल होगा.

Vietnam Coronavirus Propagandaplakate
तस्वीर: Regierung Vietnam/Do Nhu Diem

कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए वियतनाम ने क्वारंटीन की कठोर नीति बनाई और हर उस शख्स को अलग थलग करना शुरू किया जो वायरस के संपर्क में आया हो. यह उपाय तभी लागू कर दिए गए जब चीन में महामारी पूरी तरह से नहीं फैली थी. चीन में महामारी को फैलने से रोकने के लिए पूरे वुहान की तालाबंदी का आखिरी उपाय इस्तेमाल करना पड़ा.  

उदाहरण के लिए 12 फरवरी को वियतनाम ने हनोई के पास एक पूरे टाउन को तीन हफ्ते के लिए क्वारंटीन कर दिया. इस वक्त तक पूरे देश में कोविड 19 के महज 10 मामलों की पुष्टि हुई थी. अधिकारियों ने व्यापक तौर पर बड़ी सतर्कता से ऐसे सभी लोगों की सूची बनाई जिनके वायरस के संपर्क में आने की आशंका हो.

जर्मनी जैसे पश्चिमी देशों ने सिर्फ उन लोगों की सूची बनाई है जो या तो संक्रमित हैं या फिर सीधे संक्रमित लोगों के संपर्क में हैं. वियतनाम ने दूसरे, तीसरे, और चौथे स्तर पर भी संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों का नाम दर्ज किया. इन सारे लोगों पर अपनी गतिविधियां और संपर्क को बंद करने की पाबंदी लगाई गई.

इसके अलावा बहुत शुरूआत से जोखिम वाले इलाके से आने वाले लोगों को 14 दिन के क्वारंटीन में डाला गया. फरवरी की शुरुआत से ही सारे स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए.

पूरे वियनाम की निगरानी

कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए दवाओं और तकनीक पर निर्भर करने की बजाय. वियतनाम ने देश के सुदृढ़ सुरक्षा तंत्र को बड़े पैमाने पर लोगों की निगरानी में तैनात कर दिया. इसमें देश की सेना ने भी मदद की जो यहां आमतौर पर सम्मान की नजरों से देखी जाती है.

यहां सुरक्षा अधिकारी या फिर कम्युनिस्ट पार्टी के जासूस हर गली चौराहे पर और हर गांव में मौजूद रहते हैं. इसके बाद सेना ने भी अपने जवानों और साजो सामान को कोरोना वायरस से जंग में उतार दिया. इस मजबूत निगरानी के दम पर वियतनाम ने किसी भी नागरिक को अपने तंत्र और नियमों के दायरे के बाहर जाने से रोक दिया.   

हालांकि इसका बुरा पक्ष यह है कि जो लोग कोविड 19 के शिकार हुए उन्हें उनके समुदाय और सोशल मीडिया ने पूरी तरह बाहर कर दिया गया. एक महिला का मामला सामने आया है जो यूरोप की यात्रा करने के बाद हनोई वायरस के साथ पहुंची थी. नियमों का उल्लंघन करने के लिए सोशल मीडिया पर उसे बहुत अपमानित किया गया.

यह एक अलग मामला भी था क्योंकि उसके वापस आने से पहले वियतनाम में कोविड 19 के 16 मामले हुए थे और वो सब ठीक हो चुके थे. उस महिला को वियतनाम में दोबारा वायरस पहुंचाने का जिम्मेदार माना जाता है. इस तरह अपमानित किए जाने के बाद लोगों पर यह दबाव बढ़ गया है कि हर हाल में प्रशासन के नियमों का पालन करें.

जंग का नारा

वियतनाम कोरोना से लड़ाई को एक तरह की जंग का नाम दे रहा है. प्रीमियर ने कहा, “हर कारोबार, हर नागरिक, हर घर को महामारी से लड़ने के लिए दुर्ग बनना होगा.”

इस नारे ने हर नागरिक को इस लड़ाई से जोड़ दिया है और वह इसके खिलाफ एक साथ खड़े होकर कठिन दौर से लड़ने की क्षमता पर सम्मान का अनुभव कर रहे हैं.

Vietnam Coronavirus
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/H. Dinh

सरकार नियंत्रित मीडिया ने भी सूचना देने का एक बड़ा अभियान चलाया है. स्वास्थ्य मंत्रालय का एक प्रायोजित गीत यूट्यूब पर वायरल हो रहा है. इसमें अच्छे से हाथ धोने के बारे में बताया गया है.

नियमों का पालन

इसे साबित करने के लिए अब तक कोई रिसर्च तो नहीं हुई है लेकिन सोशल मीडिया का मूड और वियतनामी लोगों से बात करने पर यही पता चल रहा है कि देश के ज्यादातर लोग सरकार के उपायों से सहमत हैं. उन्हें इस बात पर गर्व है कि वियतनाम इस संकट का सामना तुलनात्मक रूप से बढ़िया तरीके से कर रहा है. देश में कोरोना वायरस की जंग के सबसे बड़े योद्धा वाइस प्रीमियर वु दुक दाम को फेसबुक पर “राष्ट्रीय नायक” कहा जा रहा है.

कुछ लोग हैं जिन्हें यह चिंता सता रही है कि इस सफलता का वियतनाम की एक पार्टी वाली कम्युनिस्ट सरकार राजनीतिक फायदा उठाएगी जिस पर नागरिक अधिकारों का उल्लंघन करने के आरोप लगते हैं. लोग मीडिया पर कठोर नियंत्रण को भी स्वीकार कर रहे हैं. यहां तक कि कम पीड़ित होने के बावजूद अर्थव्यवस्था पर इसकी वजह से जो बोझ पड़ रहा है उसे भी लोग स्वीकार कर रहे हैं.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2020 के पहले दो महीने में 3000 कारोबार बंद हो गए. विन ग्रुप जैसे बड़े कारोबारी समूहों ने दर्जनों होटल और रिसॉर्ट बंद कर दिए हैं क्योंकि सैलानी नहीं आ रहे हैं और कर्मचारियों को वेतन देना भारी पड़ रहा है. बोझ को कम करने के लिए वियतनाम की सरकार ने 1.1 अरब अमेरिकी डॉलर का फंड मुहैया कराया है ताकि अर्थव्यवस्था में धन का प्रवाह बना रहे.

हालांकि वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस संकट के कारण कर राजस्व बहुत ज्यादा घट जाएगा. सरकार स्वैच्छिक दान के लिए भी अपील कर रही है और लोग दे भी रहे हैं क्योंकि वे कोरोना वायरस के संकट की इस घड़ी में सरकार पर भरोसा कर रहे हैं.

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