निजी विमानों में दुबई जाने की होड़
२९ अप्रैल २०२१संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले लगभग 35 लाख भारतीयों में से कई कुछ हफ्तों पहले छुट्टियां मनाने, काम के सिलसिले में या किसी चिकित्सा-संबंधी आपात जरूरत की वजह से भारत आए थे. अब वो देश में फैली कोरोना संक्रमण की ताजा लहर के बीच फंस गए हैं और वापस लौटने के तरह तरह के तरीके तलाश रहे हैं. इनमें से कई अमीर परिवार निजी विमान चलाने वाली कंपनियों से भी संपर्क कर रहे हैं.
रविवार को भारत और यूएई के बीच आने जाने वाली करीब 300 साप्ताहिक उड़ानों को बंद कर दिया गया. इससे भारत आए इन लोगों को चिंता हो गई है कि अगर उड़ानें लंबे समय तक बंद रहीं तो वो यहां फंसे रह जाएंगे. ऐसे में उन्हें उम्मीद है निजी विमानों को पिछले साल महामारी की पहली लहर के बीच मिली छूट से. दुबई में रहने वाले व्यापारी टी पटेल इस समय बेंगलुरु में फंसे अपने भाई की पत्नी और तीन बच्चों को वापस लाने की जी-जान से कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने बताया, "मैं निजी विमान का विकल्प तलाश रहा हूं. उसमें खर्चा तो बहुत हो जाएगा लेकिन अगर उन्हें वापस लाने के लिए मेरे पास और कोई रास्ता नहीं बचा तो मैं यह कर लूंगा." पिछले साल मार्च में जब यूएई ने अपना हवाई क्षेत्र ही बंद कर दिया था, तब कुछ लोगों ने चार्टर्ड विमानों पर साझा आधार पर सीटें बुक करने के लिए पैसे जुटाए थे. पटेल ने उस समय अपने माता-पिता और भतीजी को दुबई लाने के लिए 10,500 डॉलर खर्च किए थे, जो आम तौर पर टिकटों के दाम से 20 गुना ज्यादा है.
वो कहते हैं, "मैंने दो महीनों तक इंतजार किया और फिर 42,000 डॉलर में एक निजी जेट किराए पर ले लिया. कुछ और भी लोग थे जो उतने ही हताश थे. मैंने उनके साथ मिल कर यह खर्च उठाया." इस साल उड़ानें बंद होने से पहले दर्जनों चार्टर्ड उड़ानों से कई यात्री भारत से दुबई गए. चार्टर कंपनियों का कहना है कि तब से उनकी उड़ानों की मांग में उछाल आया है. मुंबई से दुबई जाने वाले 13 सीटों के एक जेट का किराया 35,000 से 38,000 डॉलर के बीच है, जो आम तौर पर मिलने वाले टिकट के दाम का 35 गुना है.
दूसरे शहरों से उड़ाने और महंगी हैं. लेकिन जैसे जैसे मांग बढ़ रही है, कंपनियां यूएई में लागू निजी विमानों से संबंधित नियम भी लोगों को समझाने में लगी हैं. एन्थ्राल एविएशन प्राइवेट जेट चार्टर के सीईओ तपिश खिवेंसरा ने बताया, "चार्टर्ड उड़ानों को सामान्य नागरिक उड्डयन प्राधिकरण और विदेश मंत्रालय से अनुमति लेनी पड़ती है. लेकिन हमें यह नहीं मालूम कि किस किस को यात्रा करने की अनुमति है." प्राधिकरण ने कहा है कि यूएई के नागरिक, राजनयिक, आधिकारिक प्रतिनिधि समूह और "व्यापारियों के विमानों" को यात्रा की अनुमति है, बशर्ते यात्री 10 दिन के क्वारंटाइन जैसी शर्तों का पालन भी करें.
कई सालों से दुबई में रहने वाले पुरुषोत्तमन नायर कहते हैं कि वो यूएई लौट जाने के लिए "खूब सारा पैसा खर्च करने को" तैयार हैं. वो कहते हैं, "मैं और मेरी पत्नी सिर्फ 10 दिनों के लिए भारत आए थे. हमें किसी भी कीमत पर दुबई वापस पहुंचना है." सरकारी क्षेत्र में काम करने वाले नायर ने यह भी कहा, "कई लोग हैं जो इस तरह का खर्च उठाने को तैयार हैं. जिन लोगों के यूएई में व्यावसायिक हित और बड़ी जिम्मेदारियां हैं वो कैसे ज्यादा दिनों तक दूर रह पाएंगे? संक्रमित हो जाने का डर ज्यादा बड़ी चिंता है."
जो इतने धनी नहीं हैं वो अपनी आजीविका खो जाने और इतना बड़ा खर्च उठाने की कश्मकश में फंसे हुए हैं. जमील मोहम्मद दो साल से अपने बेटे से नहीं मिले थे जिसके लिए उन्होंने मार्च में कुछ दिनों की छुट्टी ली और केरल आ गए. लेकिन अब वो यहां फंस गए हैं. उन्होंने बताया, "अगर मैं कुछ हफ्तों में नहीं लौटा तो मेरी नौकरी पर बन आएगी. कंपनी के मालिक पहले से मुझ पर दबाव डाल रहे हैं और कह रहे हैं कि मैं दूसरे देशों से होता हुआ यूएई चला जाऊं." वो कहते हैं कि वो इतना खर्च नहीं उठा सकते लेकिन अगर विकल्प नौकरी गंवाने या पैसे उधार लेने का है, तो वो उधार ले लेंगे और वापस चले जाएंगे.
सीके/एए (एफपी)