नोबेल पुरस्कारः सम्मान की परंपरा
३ अक्टूबर २०११हर साल चिकित्सा, भौतिकी, रसायन, साहित्य और शांति के साथ साथ अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अहम योगदान के लिए सबसे प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार दिए जाते हैं. वैसे स्वीडिश वैज्ञानिक और डायनामाइट के आविष्कारक अल्फ्रेड बर्नाड नोबेल की 1895 की जिस वसीयत के तहत 1901 में जब नोबेल पुरस्कारों की शुरुआत हुई उसमें अर्थशास्त्र के क्षेत्र में योगदान के लिए किसी पुरस्कार का जिक्र नहीं है. लेकिन 1968 में स्वीडन के केंद्रीय बैंक ने अपनी 300वीं वर्षगांठ पर अल्फ्रेड नोबेल की याद में इस पुरस्कार को शुरू किया. अर्थशास्त्र का पहला नोबेल 1969 में नॉर्वे के रैगनर एंथोन किटील फ्रिश और नीदरलैंड्स के यान टिरबेरगेन को दिया गया.
नोबेल पुरस्कार विश्व का सर्वोच्च पुरस्कार माना जाता है. शांति के लिए दिए जाने वाला नोबेल पुरस्कार ओस्लो में जबकि बाकी सभी पुरस्कार स्टॉकहोम में दिए जाते हैं. दिलचस्प बात यह है कि नोबेल पुरस्कार मरणोपरांत नहीं दिए जाते.
1901 में पहले नोबेल पुरस्कार
चिकित्सा, भौतिकी, रसायन, साहित्य और शांति के क्षेत्र में पहली बार 1901 में नोबेल पुरस्कार दिए गए. पहला नोबेल शांति पुरस्कार 1901 में रेड क्रॉस के संस्थापक हैरी दुनांत और मशहूर शांतिवादी फ्रेडरिक पैसी को संयुक्त रूप से दिया गया. पुरस्कार के लिए बनी समिति और चयनकर्ता हर साल अक्टूबर में नोबेल पुरस्कार विजेताओं की घोषणा करते हैं लेकिन पुरस्कारों का वितरण अल्फ्रेड नोबेल की पुण्य तिथि 10 दिसंबर को किया जाता है.
हर एक पुरस्कार से एक साल में अधिकतम तीन लोगों को पुरस्कार दिया जा सकता है. इनमें से प्रत्येक विजेता को एक स्वर्ण पदक, डिप्लोमा और निश्चित धनराशि दी जाती है. अगर एक पुरस्कार साझा तौर पर दो लोगों को दिया जाता है, तो धनराशि दोनों में समान रूप से बांट दी जाती है. 2009 में विजेता को 14 लाख अमेरिकी डॉलर इनाम के रूप में दी गई थी. हर साल इनाम राशि नोबेल फाउंडेशन की आय पर निर्भर करती है. अब तक केवल दो बार मृत व्यक्तियों को यह पुरस्कार दिया गया है. पहली बार एरिक एक्सल कार्लफेल्ड को 1931 में और दूसरी बार संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव डैग हैमर्सक्योल्ड को 1961 में इससे नवाजा गया. लेकिन 1974 में नियम बना दिया गया कि मरणोपरांत किसी को नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाएगा.
कौन थे अल्फ्रेड नोबेल ?
अल्फ्रेड बर्नाड नोबेल का जन्म 1833 में स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुआ था. 9 वर्ष की आयु में वह अपने परिवार के साथ रूस चले गए. नोबेल जब 18 साल के थे तो उन्हें रसायन की पढ़ाई के लिए अमेरिका भेजा गया. अल्फ्रेड नोबेल ने 1867 में डाइनामाइट की खोज की. नोबेल ने अपनी पूरी जिंदगी में कुल 355 आविष्कार किए थे. लेकिन सबसे ज़्यादा नाम और पैसा उन्होंने 1867 में डायनामाइट के आविष्कार से कमाया.
रूस से स्वीडन वापस आने पर वह अपने पिता के कारखाने में विस्फोटकों और खासकर नाइट्रोग्लिसरीन के अध्ययन में लग गए. 3 सितंबर 1864 को भयानक विस्फोट के कारण वह कारखाना नष्ट हो गया और इनके छोटे भाई की उसी में मौत हो गई. इस धमाके में 4 और लोगों की मृत्यु हुई.
क्यो शुरू किए नोबेल पुरस्कार
1888 में एक अखबार ने गलती से अल्फ्रेड नोबेल की मौत की खबर छापी. उस खबर को नोबेल ने भी पढ़ा. अखबार ने लिखा था, "मौत के सौदागर की मृत्यु". अखबार ने डाइनामाइट के आविष्कार की आलोचना की और उसे हजारों लोगों की मौत का जिम्मेदार ठहराया. अपनी मृत्यु का समाचार पढ़कर नोबेल को गहरा सदमा लगा.
उन्होंने ने सोचा कि क्या उनकी मौत के बाद दुनिया उन्हें इसी नाम से पुकारेगी. 27 नवंबर 1895 को उन्होंने एक वसीयत लिखी जिसमें उन्होंने अपनी संपत्ति का सबसे बड़ा हिस्सा एक ट्रस्ट बनाने के लिए अलग कर दिया. उनकी इच्छा थी कि इस रकम पर मिलने वाले ब्याज से हर साल उन लोगों को सम्मानित किया जाए जिनका काम मानवजाति के लिए सबसे कल्याणकारी पाया जाए. 31 दिसंबर 2007 के एक आंकड़े के मुताबिक नोबेल फाउंडेशन की संपत्ति 56 करोड़ अमेरिकी डॉलर बताई गई.
अपनी जिंदगी में नोबेल ने शादी नहीं की लेकिन उनके प्रेम संबंध तीन महिलाओं से रहे. 10 दिसंबर 1896 नोबेल का दिल का दौरा पड़ने से इटली में निधन हुआ.
रिपोर्ट: आमिर अंसारी
संपादन: ए कुमार