न्यूजीलैंड में 100 से ज्यादा व्हेल की मौत
२१ फ़रवरी २०११संरक्षण विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि मरी हुई व्हेल मछलियां साउथ आइलैंड के पास स्टीवर्ट द्वीप में मिलीं. कुछ पायलट व्हेल मछलियां पहले ही मर गई थीं और जो बाकी 48 बचे थे, उन्हें इंजेक्शन दे कर मारना पड़ा क्योंकि उन्हें वापस समुद्र में पहुंचाने का कोई उपाय नहीं था. "हमें जल्द ही पता चल गया कि मछलियों को तैराने में 10 से लेकर 12 घंटे लगेंगे और गर्मी और सूखे मौसम की वजह से कई और मारे जाते."
प्रवक्ता के मुताबिक मेसन खाड़ी के पास एक तूफान के भी आने के आसार थे. मछलियां इसी के पास फंसी थीं और उन्हें वापस समुद्र में भेजना भी खतरे से खाली नहीं था. "हमें डर था कि हमारे बचाव कार्यकर्ताओं की जान खतरे में होती."
पायलट व्हेल मछलियों की लंबाई छह मीटर तक होती है और न्यूजीलैंड में सबसे ज्यादा इसी नस्ल के व्हेल पाए जाते हैं. देश के तटीय इलाकों में आम तौर पर व्हेल फंसते रहते हैं. इस महीने की शुरुआत में साउथ आइलैंड के नेलसन शहर के पास 14 मारे गए थे और देश के उत्तरी तट पर केप रेजीना में भी 24 व्हेल फंसकर मर गए थे.
वैज्ञानिकों को भी सही तरह से पता नहीं है कि पायलट व्हेलों को तटों पर आना क्यों अच्छा लगता है. माना जाता है कि उनके सुनने की खास शक्ति या उनके अंदरूनी सोनार में खराबी आ जाती है और वह छिछले पानी को ठीक तरह आंक नहीं पाते. कई वैज्ञानिकों का मानना है कि एक बीमार मछली जब तट पर जाती है तो बाकी उसका पीछा करते हैं.
रिपोर्टः एएफपी/एमजी
संपादनः ए जमाल