न्यूयॉर्क बॉम्बर फैसल शहजाद को उम्र कैद
५ अक्टूबर २०१०मुकदमे के दौरान 30 वर्षीय फैसल शहजाद ने स्वीकार किया था कि उसने मुस्लिम देशों में अमेरिकी सैनिक कार्रवाईयों का विरोध करने के लिए 1 मई को टाइम स्क्वायर पर एक कार में बम रखा था. बम में तकनीकी गड़बड़ होने की वजह से वह नहीं फटा और खून खराबा होने से रुक गया.
फैसल शहजाद ने स्वीकार किया कि उसका पाकिस्तानी तालिबान के साथ संबंध था, लेकिन अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने पर उसने कोई अफसोस नहीं जताया. आजीवन कारावास की सजा पर अपनी प्रतिक्रिया में शहजाद ने अदालत में धमकी दी, मुसलमानों के साथ जंग अभी शुरू ही हुई है, अमेरिका की हार होगी.
मुकदमे के दौरान पिछले जून में अपना अपराध स्वीकार करते हुए शहजाद ने कहा था, "मैं सौ बार दोष स्वीकार करता हूं." उसने दावा किया उसका लक्ष्य न्यूयॉर्क के बीचोबीच स्थित भीड़ वाले टाइम स्क्वायर पर लोगों को मारना था. हमले के जरिए वह इराक, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में अमेरिकी सैनिक कार्रवाई का विरोध करना चाहता था.
फैसल शहजाद ने स्वीकार किया कि उसने पिछले साल पाकिस्तान में तालिबान के एक कैंप में बम बनाना सीखा था. शहजाद के मामले पर अमेरिका में भारी हंगामा मचा था क्योंकि अपना अपराध स्वीकार करने वाला शहजाद कनेक्टीकट के एक उपनगर में सामान्य जिंदगी जी रहा था. उसके पिता पाकिस्तानी एयरफोर्स में अधिकारी थे. 18 वर्ष की उम्र में वह पढ़ने के लिए अमेरिका गया जहां उसने आईटी की शिक्षा ली, एक पाकिस्तानी से शादी की और अपना घर खरीदा. उसके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं.
अप्रैल 2009 में उसने अमेरिकी नागरिकता ली थी. उसके पड़ोसियों और सहकर्मियों ने बताया कि उन्होंने उसके कट्टरपंथी होते जाने पर ध्यान नहीं दिया. उसे अमेरिका से भागने की कोशिश में गिरफ्तार किया गया.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: एम गोपालकृष्णन