पन्नों से फिल्मी पर्दे पर बेथनी की दास्तान
२७ मई २०११विज्ञापन
31 अक्तूबर 2003 की उस सुबह जब बेथनी हैमिल्टन अपने दोस्तों के साथ कौआई के टनल्स बीच पहुंचीं तो तट कछुओं से भरा हुआ था. 13 साल की माहिर सर्फर हैमिल्टन इस तरह का नजारा रोज देखती थीं. वह फुर्ती से समुद्र में उतरीं और अपने बोर्ड पर लेट कर लहरों पर खेलने लगीं. सर्फिंग के कई मुकाबले जीत चुकीं हैमिल्टन को लहरें समुद्र की गोद सी लगती थीं.
अपनी बाहों को बोर्ड के दोनों तरफ फैलाकर बेथनी उस गोद में आराम फरमा रही थीं. इस बात से बेखबर की जिंदगी का सबसे खराब अनुभव समुद्र की तह के नीचे से उनकी ओर बढ़ रहा था. और चंद पलों में सब बदल गया. वह दर्द से तपड़तीं तट पर पड़ी थीं. उनकी एक बांह गायब थी. खूंखार शार्क ने उन पर हमला कर उनकी एक बांह को उखाड़ लिया था.