परमाणु सुरक्षा पर बातचीत और जंग का एलान
२४ मार्च २०१२संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली म्युंग बाक ने कहा है कि वह साथ मिलकर उत्तर कोरिया के रॉकेट प्रशिक्षण से पैदा होने वाले खतरों का सामना करेंगे. बान सोमवार से शुरू होने वाले परमाणु शिखर सम्मेलन के लिए दक्षिण कोरिया पहुंच गए हैं. उनका मानना है कि उत्तर कोरिया के इस कदम से पूरे इलाके की स्थिरता पर असर पड़ा है. राष्ट्रपति ली के दफ्तर से एक बयान में कहा गया है कि उत्तर कोरिया लंबी रेंज की मिसाइलों पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध का उल्लंघन कर रहा है. बान की मून ने कहा है कि शिखर सम्मेलन में खास तौर पर उत्तर कोरिया के परमाणु योजना पर बातचीत की जाएगी. 2009 में पारित किए गए एक प्रस्ताव के मुताबिक किसी भी प्रकार के रॉकेट परीक्षण पर रोक लगा दी गई है.
उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में बैठे नेता भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय की इस प्रतिक्रिया से उत्तेजित हैं. उन्होंने कहा है कि 26 से लेकर 27 मार्च तक चलने वाले सम्मेलन में अगर उत्तर कोरिया के रॉकेट परीक्षण पर बातचीत होती है, तो वह इसे युद्ध के एलान के तौर पर देखेंगे. उत्तर कोरिया ने एलान किया है कि वह अगले महीने लंबी दूरी तय करने वाला रॉकेट टेस्ट कर रहा है. अप्रैल में उत्तर कोरिया की सालाना संसदीय बैठक भी होगी जिसकी अगुवाई नए नेता किम जोंग उन करेंगे.
उत्तर कोरियाई नेता कुछ भी कहें इस मुद्दे पर बातचीत तो होगी है, खास कर इसलिए क्योंकि 53 देशों के परमाणु सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भी शामिल हो रहे हैं. भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी सम्मेलन में वहां जाने के लिए रवाना हो चुके हैं. यहां वह परमाणु ऊर्जा को लेकर सुरक्षा के बारे में बात करेंगे. उन्होंने कहा है कि भारत ऊर्जा की तलाश में है और उसे आने वाले समय में ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करना होगा. उन्होंने कहा कि फुकुशिमा के बाद परमाणु ऊर्जा की सुरक्षा को लेकर और सवाल खड़े हो गए हैं और इसलिए वह इस मामले पर खास ध्यान दे रहे हैं. सोल में अपनी यात्रा के दौरान सिंह राष्ट्रपति ली से भी मिलेंगे जिसमें भारत और दक्षिण कोरिया के बीच वीजा नीति को आसान बनाने पर बातचीत होगी.
रिपोर्टः एपी, एएफपी, पीटीआई/एमजी
संपादनः एन रंजन