पश्चिम पर अमहदीनेजाद फिर बरसे
१८ अप्रैल २०१०राष्ट्रपति अहमदीनेजाद ने कहा कि ईरान की सेना क्षेत्रीय सुरक्षा में योगदान देती है और क्षेत्र में उसका कोई मुकाबला नहीं है. बैठक की शुरुआत में अहमदीनेजाद ने संयुक्त राष्ट्र में वीटो प्राप्त शक्तियों के बारे में कहा था कि वे अकेले विश्व सुरक्षा की ज़िम्मेदारी नहीं ले सकते. उनके मुताबिक, "यह मानना ठीक नहीं है कि वीटो शक्तियां और विश्व के सबसे बड़े हथियार निर्यातक देश पूरे विश्व की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी ले सकते हैं."
रविवार को ही ईरान का सैन्य दिवस मनाया गया. इस मौके पर अहमदीनेजाद ने कहा कि कोई भी दुश्मन देश की अखंडता को हिलाने की कोशिश नहीं करेगा. ईरान की विवादित शाहाब मिसाइल भी सैन्य परेड के दौरान दिखाई गई. शाहाब 2,000 किलोमीटर की दूरी तक के निशानों को भेद सकती है. इस्राएल और खाड़ी देशों में मौजूद अमेरिका के सभी सैन्य ठिकाने इसकी मारक क्षमता के दायरे में आते हैं.
ईरान ने परमाणु निस्त्रीकरण बैठक के ज़रिए एक बार फिर साफ कर दिया है कि वह पश्चिमी देशों और अमेरिका की एक नहीं सुनने वाला है. ईरान ने तो इन देशों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से ही बाहर निकालने की मांग कर दी है. अहमदीनेजाद कहते हैं, "जिन देशों के पास परमाणु हथियार हैं, जिन्होंने इनका इस्तेमाल किया है या फिर इस्तेमाल करने की धमकी दी है, अगर इन देशों के पास विश्व की सुरक्षा के लिए सबसे ऊंचे अंतरराष्ट्रीय संगठन में वीटो का अधिकार है तो क्या इसका यह मतलब नहीं कि बाकी देश अपनी सुरक्षा के लिए परमाणु हथियार बनाने पर मजबूर हो जाएं?
ईरान के संवेदनशील परमाणु कार्यक्रम की वजह से अमेरिका और पश्चिमी देश ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों के लिए दबाव डाल रहे हैं. उधर मध्यपूर्व में इस्राएल एकमात्र ऐसा देश है जिसके पास परमाणु हथियार हैं. इस्राएल ने कई बार कहा है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम उसके लिए ख़तरा बन सकता है. इस्राएल ने कहा है कि वह समस्या का हल कूटनीति से ढूंढना चाहता है जबकि अमेरिका हमले के लिए भी तैयार हो सकता है.
ईरान ने साफ साफ कह दिया है कि वह इस तरह के हमलों के जवाब में क्षेत्र में अमेरिकी सरोकारों और इस्राएल पर निशाना साधेगा. साथ ही होरमुज़ नाके को बंद कर विश्व भर में तेल की आपूर्ति को खतरा पैदा करेगा. वैसे अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों को इस बारे में संदेह है कि ईरान की सैन्य क्षमता अमेरिका या इस्राएल के टक्कर की हो सकती है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एम गोपालकृष्णन
संपादनः ए कमार