पश्चिम बंगाल में चुनावी नतीजों के बाद हिंसा, 12 की मौत
४ मई २०२१पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा का इतिहास बहुत पुराना रहा है. चुनावों के दौरान केंद्रीय बलों की मौजूदगी की वजह से पहले जैसी हिंसा तो नहीं हुई, लेकिन नतीजों के सामने आने के बाद राज्य के विभिन्न इलाकों में हिंसा भड़क गई. इसमें कम से कम एक दर्जन लोगों की मौत हो गई है और कई राजनीतिक दलों के दफ्तरों और उनके समर्थकों के घरों में आगजनी की खबरें सामने आ रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हिंसा पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ को फोन करके कानून और व्यवस्था की स्थिति पर चिंता और दुख जताया है. बीजेपी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा भी दो दिनों के दौरे पर कोलकाता पहुंच रहे हैं. पार्टी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल पार्टी के कार्यकर्ताओं की इस कथित हिंसा के विरोध में बुधवार को देशव्यापी धरने का एलान किया है.
उधर, ममता बनर्जी बुधवार को ही तीसरी बार बंगाल के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगी. बीजेपी ने इस हिंसा की सीबीआई जांच कराने की मांग में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इधर, राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए एक टीम भेजने की बात कही है. रविवार रात को चुनावी नतीजों के सामने आने के बाद राज्य के विभिन्न हिस्सों से हिंसा और आगजनी की खबरें मिलने लगी थीं. उसके बाद सोमवार को यह हिंसा और भड़क उठी और जिसकी लाठी उसकी भैंस की तर्ज पर खासकर ग्रामीण इलाकों में हत्याओं और आगजनी का सिलसिला तेज हो गया. अब तक बीजेपी के कम से कम छह, टीएमसी के चार और आईएसएफ के दो समर्थकों की हिंसा में मौत हो चुकी है.
हिंसा और गिरफ्तारियां
साथ ही तमाम राजनीतिक दलों के दर्जनों दफ्तरों और उनके कार्यकर्ताओं के मकानों में आगजनी और तोड़फोड़ के वीडियो और तस्वीरें सामने आ रही हैं. सोशल मीडिया पर ऐसे सैकड़ों पोस्ट और ट्वीट्स हैं जिनसे बंगाल के चुनावी हिंसा की आग में जलने की पुष्टि होती है. हालांकि ऐसे तमाम पोस्ट और ट्वीट्स की आधिकारिक पुष्टि संभव नहीं है. पुलिस ने फिलहाल यह नहीं बताया है कि मृतक या हमलावर किस राजनीतिक पार्टी से जुड़े थे. पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि हिंसा की घटनाओं के सिलसिले में अब तक 28 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और ऐसे तमाम मामलों की जांच की जा रही है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के लोगों से शांति बहाल करने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि फिलहाल कानून-व्यवस्था चुनाव आयोग के हाथों में हैं. लेकिन मुझसे जितना हो रहा है, कर रही हूं. बीजेपी ने सोमवार को दावा किया था कि उसके छह कार्यकर्ता मारे गए हैं और इसके पीछे टीएमसी का हाथ है. लेकिन मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और पार्टी के प्रदेश प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने नौ कार्यकर्ताओं की हत्या का दावा किया.
राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट
कोलकाता के बेलियाघाट में बीजेपी कार्यकर्ता अभिजीत सरकार ने कथित रूप से हत्या से पहले दो फेसबुक लाइव किए थे. इसमें उन्होंने एक वीडियो कहा था, "वे लोग मेरी आंखों के सामने बम फेंक रहे हैं और मेरे घर और दफ्तर को तोड़ कर रहे हैं. मेरी सिर्फ इतनी गलती है कि मैं बीजेपी वर्कर हूं. उन्होंने मेरे मासूम पपीज को निर्दयता से मार दिया.” अभिजीत के भाई विश्वजीत सरकार ने बताया, "मेरे भाई को फेसबुक पर वीडियो पोस्ट करने के बाद टीएमसी के गुंडों ने पीट-पीटकर मार डाला. वीडियो में उन्होंने बताया था कि कैसे गुंडों ने उसके घर और ऑफिस को तहस नहस कर दिया. हम हत्यारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं.”
बीजेपी ने राज्य में हिंसा व आगजनी की दो दर्जन अलग-अलग घटनाओं की सूची जारी की है. इसमें मृतकों के नाम भी हैं. सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से हिंसा पर रिपोर्ट मांगी थी. इसी के बाद राज्यपाल ने भी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को तलब किया था. राज्यपाल ने मंगलवार को पुलिस अधिकारियों को हिंसा पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा है. राज्य में जारी हिंसा को लेकर बीजेपी नेता और वरिष्ठ वकील गौरव भाटिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर तमाम मामलों की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. बीजेपी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें नंदीग्राम में पार्टी दफ्तर में हुई तोड़फोड़ को दिखाया गया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस सीट पर बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी से चुनाव हार गई थीं.
आरोप प्रत्यारोपों का दौर
पश्चिम बंगाल की परिस्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार सुबह राज्यपाल जगदीप धनखड़ से बात की. राज्यपाल ने अपने एक ट्वीट में इसकी जानकारी देते हुए कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कॉल करके और बंगाल की कानून-व्यवस्था पर चिंता जाहिर की. मैंने उन्हें बंगाल की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यहां हिंसा, बर्बरता, आगजनी, लूट और हत्या बेरोकटोक जारी हैं. राज्य में कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए.”
इस बीच ममता बनर्जी ने पार्टी के समर्थकों से शांति बरकरार रखने और उकसावे के झांसे में नहीं आने की अपील की है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय बलों ने चुनाव के दौरान तृणमूल समर्थकों के साथ कई ज्यादतियां की. ममता ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "चुनाव नतीजों के एलान के बाद भी बीजेपी ने कुछ इलाकों में हमारे समर्थकों पर हमला किया. लेकिन हम अपने लोगों से उकसावे में नहीं आने और पुलिस से शिकायत करने का अनुरोध करते हैं.”
बीजेपी का विरोध
पुलिस ने बताया कि पूर्व बर्दवान जिले में टीएमसी और बीजेपी समर्थकों के बीच हुई झड़प में कथित तौर पर चार लोगों की मौत हो गई. टीएमसी ने दावा किया कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उसके तीन समर्थकों की हत्या की जबकि बीजेपी ने आरोपों को निराधार बताया है. उसका दावा है कि यह आम लोगों की नाराजगी का नतीजा है. राजनीतिक पर्यवेक्षक पार्थ प्रतिम विश्वास कहते हैं, "कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच यह समय हिंसा और आरोप-प्रत्यारोप का नहीं है. फिलहाल तमाम राजनीतिक दलों को मिलकर शांति बहाली की दिशा में शीघ्र ठोस पहल करनी चाहिए.”
चुनाव नतीजे आने के बाद भड़की हिंसा को ध्यान में रखते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पश्चिम बंगाल जाकर बीजेपी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने का फैसला किया है. वह दो दिनों के बंगाल दौरे के दौरान हिंसा के शिकार परिवारों से मिलेंगे. पार्टी ने बंगाल में राजनीतिक हिंसा के खिलाफ पांच मई को देशव्यापी धरना-प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है.