पाक से अमेरिका का सवाल भी, साथ भी
१६ मई २०११अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के करीबी और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रह चुके जॉन केरी अमेरिकी सीनेट के विदेशी संबंध समिति के अध्यक्ष हैं. वह अफगानिस्तान से सीधे पाकिस्तान पहुंचे और कहा कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान की भागीदारी चाहता है.
पाकिस्तानी सैन्य मुख्यालय में उन्होंने जनरल कियानी से मुलाकात की लेकिन इसका कोई ब्यौरा नहीं दिया गया. बताया जाता है कि केरी ने ओसामा बिन लादेन से जुड़े मामले में पाकिस्तान से कुछ मुश्किल सवाल किए हैं.
इससे पहले उन्होंने अफगानिस्तान में कहा, ''निश्चित तौर पर हम ऐसा पाकिस्तान चाहते हैं जो अफगानिस्तान के हितों का सम्मान करे और आतंकवाद के खात्मे की हमारी लड़ाई में हमारा सच्चा साथी हो.''
वे संकेत दे चुके हैं कि सब कुछ ठीक नहीं है, ''हमारा मानना है कि चीजें बेहतर की जा सकती हैं. लेकिन हम रिश्ते तोड़ने में यकीन नहीं रखते, हम उसे बेहतर बनाने के रास्ते तलाश रहे हैं.''
दो मई को अमेरिकी सेना के नेवी सील्स जवानों ने पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में घुसकर अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मार गिराया. लेकिन इस ऑपरेशन की पाकिस्तान को भनक तक नहीं लगने दी.
पाकिस्तान इसका विरोध जता चुका है. उसका कहना है कि एकतरफा कार्रवाई दोनों देशों के हित में नहीं है. लेकिन अमेरिका उससे भी बड़ा सवाल उठा चुका है कि ओसामा बिन लादेन इतने सालों से पाकिस्तान में कैसे छुपा था. अमेरिका ने इस बात की जांच की अपील की है कि क्या बिन लादेन को पाकिस्तानी तंत्र से कोई ठोस मदद मिल रही थी.
अमेरिका के कुछ सांसदों ने पाकिस्तान को हर साल दी जा रही अरबों डॉ़लर की आर्थिक मदद पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि जब तक पाकिस्तान खुद को उनका सच्चा साथी साबित नहीं करता, उसे वित्तीय मदद नहीं दी जानी चाहिए.
केरी भी पहले कह चुके हैं कि यह बात विश्वास के लायक नहीं है कि बिना किसी की जानकारी के बिन लादेन इतने सालों तक पाकिस्तान में छुपा रहा.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ए जमाल
संपादन: ओ सिंह