पाकिस्तान के विदेश मंत्री अयोग्य करार
२६ अप्रैल २०१८पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के कद्दावर नेता ख्वाजा आसिफ को इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को यह झटका दिया. अदालत ने कहा कि आसिफ ने संयुक्त अरब अमीरात के कई वर्क परमिटों की जानकारी न देकर चुनाव संहिता का उल्लंघन किया है. कोर्ट ने कहा, "हम एलान करते हैं कि प्रतिवादी 2013 का आम चुनाव लड़ने के योग्य नहीं था."
फैसले के साथ ही विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ की संसद सदस्यता रद्द हो गई है. रक्षा मंत्रालय के बाद विदेश मंत्रालय संभालने वाले आसिफ को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का करीबी और पाकिस्तानी सेना का मुखर आलोचक माना जाता है. आसिफ देश की राजनीति में सेना के दखल की कई बार आलोचना कर चुके हैं.
पाकिस्तान में यह दूसरा मामला है जब कोर्ट ने बेहद हाई प्रोफाइल नेता को अयोग्य करार दिया है. इससे पहले जुलाई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार के चलते तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अयोग्य करार दिया था.
नवाज शरीफ और उनके समर्थक अदालत के इन फैसलों को सेना की साजिश बता रहे हैं. ख्वाजा आसिफ पर आए फैसले के बाद टीवी पर अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए नवाज शरीफ ने कहा, "देश के इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री ने आज तक अपना एक कार्यकाल पूरा नहीं किया है, हमें यह जरूर पता करना चाहिए कि ऐसा क्यों है."
14 अगस्त 1947 को ब्रिटिश इंडिया से आजाद होकर नए देश के रूप में सामने आए पाकिस्तान में कुल मिलाकर करीब 35 साल तक सेना ने शासन किया है.
इस्लामाबाद हाई कोर्ट का फैसला 2018 में होने वाले आम चुनावों से पहले आया है. इस साल के अंत में होने वाले चुनावों में पीएमएल-एन का मुख्य मुकाबला पूर्व क्रिकेट कप्तान इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) से होने के आसार हैं. पीटीआई ने ख्वाजा आसिफ पर आए फैसले का स्वागत किया है. पार्टी के प्रवक्ता फवाद चौधरी ने कहा, "यह फैसला पीटीआई के लिए एक बड़ी जीत है."
हालांकि पाकिस्तान में हाल में हुए उपचुनावों में नवाज शरीफ की पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया. अदालत के फैसले को मैच फिक्सिंग करार देते हुए नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज शरीफ ने कहा, "याद रखें: अब लोग ख्वाजा आसिफ के लिए भी वोट देंगे."
ओएसजे/एनआर (एएफपी)