पाकिस्तान क्रिकेट के लिए 'ख़राब' रहा 2009
३१ दिसम्बर २००९लाहौर में टेस्ट मैच खेल रही श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर हमले में 7 खिलाड़ी ज़ख्मी हो गए थे. इस हमले के बाद से किसी भी देश ने पाकिस्तान का दौरा नहीं किया है और आईसीसी ने भी पाकिस्तान से 2011 के वर्ल्ड कप मैच छीन लिए हैं. इस हमले के बाद ज़िम्बाब्वे की अंडर 19 टीम ने पाकिस्तान का दौरा करने से इनकार कर दिया था.
पूर्व कप्तान वसीम अकरम ने कहा, "निश्चित रूप से यह पाकिस्तान क्रिकेट के लिए सबसे ख़राब सालों में से एक था. उस हमले को रोका जाना चाहिए था." अकरम की राय में हमले से पाकिस्तान क्रिकेट को नुक़सान पहुंचा है. पाकिस्तान में क्रिकेट को लेकर जो दीवानापन है उसे देखते हुए इस हमले को शर्मनाक ही कहा जाएगा. "हमारे देश में क्रिकेट व्यवस्था को धक्का लगा है और इससे खिलाड़ियों के निखरने और उनकी प्रतिभा पर प्रभाव पड़ेगा."
पूर्व कप्तान रमीज़ राजा भी चिंतित है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड कब तक देश से बाहर मैच कराता रहेगा."क्रिकेट के अलावा हमें वित्तीय रूप से भी घाटा उठाना पड़ रहा है और आईसीसी और पीसीबी को इस बारे में सोचने की ज़रूरत है. आईसीसी को विचार करने की ज़रूरत है कि किस तरह से पाकिस्तान को वित्तीय मदद दी जाए."
श्रीलंकाई टीम पर हुए हमले पर पाकिस्तान बोर्ड की प्रतिक्रिया से पूर्व बल्लेबाज़ आमिर सोहेल बेहद दुखी हैं. सोहेल का कहना है,"मुझे नहीं लगता कि किसी ने यह सोचा होगा कि इस हमले से पाकिस्तान क्रिकेट को कितना नुक़सान हुआ है. भले ही अब वे इस बात को समझ रहे हैं लेकिन अब देर हो चुकी है."
पूर्व विकेटकीपर मोइन ख़ान ने आईसीसी और अन्य खिलाड़ियों से अपील की है कि पाकिस्तान क्रिकेट के लिए मदद का हाथ बढ़ाया जाना चाहिए. मोइन के मुताबिक़ पाकिस्तान को और समर्थन दिए जाने की ज़रूरत है."अगर आईसीसी कुछ मैचों के लिए वर्ल्ड इलेवन को पाकिस्तान भेजती है तो इससे फ़ायदा होगा क्योंकि देश में कुछ अंतरराष्ट्रीय मैचों का आयोजन करना बहुत ज़रूरी है."
वैसे तमाम मुश्किलों के बीच 2009 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने वर्ल्ड ट्वेंटी20 टूर्नामेंट जीता था जिसने पूरी टीम में एक नया जोश भर दिया था. मोइन ने उम्मीद जताई है कि नया साल पाकिस्तान क्रिकेट के लिए शुभ साबित होगा और अच्छे नतीजे लाएगा क्योंकि पाकिस्तान अभी भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट जगत का एक अहम हिस्सा है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ओ सिंह