पाकिस्तान में आतंकवादियों के 43 ट्रेनिंग कैंप
११ दिसम्बर २०१०पिछले साल जून में तब के अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार जिम जोन्स और भारतीय रक्षा मंत्री एके एंटनी की बातचीत में पाकिस्तान पर ये आरोप लगाए गए. विकीलीक्स पर जारी अमेरिकी कूटनीतिक दस्तावेजों के हवाले से ब्रिटिश अखबार गार्डियन ने यह खबर छापी है. भारत ने यह भी आरोप लगाया कि इन ट्रेनिंग कैंपों को स्थायी रूप से बंद करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने कोई खास कदम नहीं उठाए.
जोन्स और एंटनी की इस बैठक में भारतीय सेना प्रमुख जनरल दीपक कपूर भी थे. सेनाध्यक्ष ने बताया कि 2008 में मुंबई पर हमले के बाद इनमें से कुछ कैंपों पर पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने छापा जरूर मारा लेकिन इनमें से ज्यादातर ने कुछ ही दिनों बाद अपना ऑपरेशन फिर चालू कर दिया. कपूर ने अमेरिकी अधिकारियों को बताया कि आतंकवादी लगातार भारत प्रशासित कश्मीर में घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं और यह सब बिना किसी आधिकारिक मदद के कर पाना मुमकिन नहीं है.
सेनाध्यक्ष ने अमेरिकी अधिकारियों को बताया कि भारत ने सीमा पर अपने तैयारियों को मजबूत कर लिया है हालांकि अभी भी घुसपैठ की कोशिश करने वालों में 15 से 20 फीसदी आतंकवादी कामयाब हो जाते हैं. सेना प्रमुख का कहना है कि अगर एक तरफ से चौकसी बरत कर हम इतने आतंकवादियों को पकड़ सकते हैं तो वे दूसरी तरफ से उन्हें रोकने की कोशिश क्यों नहीं करते.
इन दस्तावेजों के मुताबिक जोन्स ने भारतीय अधिकारियों को भरोसा दिलाया कि वह पाकिस्तान के साथ आतंकवादी कैंप के मुद्दे पर चर्चा करेंगे. बातचीत में जोन्स ने यह भी पूछा कि क्या भारत की चिंता दूर करने के लिए दोनों देशों की बीच बातचीत के स्तर को बढ़ाया जाना चाहिए. तब रक्षामंत्री एके एंटनी ने बीच में दखल देकर कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत तब तक नहीं हो सकती जब तक वह मुंबई हमलों के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता.
पाकिस्तान ने भारत के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि वह भारत प्रशासित कश्मीर में आतंकवाद को समर्थन दे रहा है. पाकिस्तान ने भारत के साथ कश्मीर के मुद्दे पर बातचीत की इच्छा जताई. हालांकि पाकिस्तान ने यह माना कि मुंबई हमले की साजिश पाकिस्तानी जमीन पर ही रची गई और हमलावरों ने पाक से ही अपना सफर शुरू किया. इस हमले से जुड़े आरोपों में लश्कर ए तैयबा के सात संदिग्ध लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी शुरू की गई हालांकि उसके बाद कुछ खास हुआ नहीं. भारत का कहना है कि वह इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है.
जोन्स ने कहा कि अगर मुंबई जैसा कोई दूसरा हमला हुआ तो यह इस इलाके के लिए सबसे बुरा होगा. उनका यह भी कहना था, "हम आतंकवादियों को दो देशों को एक दूसरे से लड़ाने की इजाजत नहीं दे सकते."
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः वी कुमार