4 महीने के बच्चे को मिली नई जिंदगी
५ जनवरी २०१८रोहान महज पांच दिन का था जब डॉक्टरों ने उसके दिल में एक बीमारी का पता लगाया. रोहान को हाइपोप्लास्टिक लेफ्ट हार्ट सिंड्रोम (एचएलएचएस) था. यह ऐसी बीमारी है जो भ्रूण के विकसित होने के साथ साथ दिल में बढ़ती रहती है और सामान्य रक्त प्रवाह को प्रभावित करती है. रोहान के माता पिता ने इलाज कराने के लिए ट्विटर पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से संपर्क किया और चिकित्सा वीजा के लिए मंजूरी मांगी.
बच्चा सिर्फ एक महीने का था, जब उसे नोएडा के जेपी अस्पताल में लाया गया. उस समय उसका वजन सिर्फ 2.1 किलोग्राम था. जेपी अस्पताल के बाल चिकित्सा कार्डियोलॉजी विभाग के निदेशक राजेश शर्मा ने एक बयान में कहा, "रोहन दुर्लभ जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित था. उसकी जान खतरे में थी क्योंकि उसके दिल का बायां हिस्सा अविकसित था." शर्मा ने कहा, "उसके फेफड़ों में दबाव बहुत तेजी से ऊपर जा रहा था. शुरू से ही रोहान लंबी लंबी सांसें ले रहा था और उसका वजन बढ़ नहीं रहा था."
इस अस्पताल में डॉक्टरों ने बच्चे की सर्जरी की जो 10 घंटे चली. इसके बाद उसे आईसीयू में शिफ्ट कर दिया, जहां कुछ घंटों के बाद धड़कन धीमी हो गई और ब्लड प्रेशर भी बिगड़ने लगा. लेकिन डॉक्टरों ने अपना इलाज जारी रखा. डॉक्टर शर्मा ने बताया, "बच्चे को पांच दिन के बाद ईसीएमओ से हटा दिया गया और उसके दिल ने विश्लेषण के अनुसार बेहतर काम करना शुरू कर दिया." 15 दिन बाद बच्चे को आईसीयू से हटाया गया. डॉक्टर शर्मा के अनुसार, "एक हजार बच्चों में से एक को ऐसा गंभीर हृदय रोग होता है, जिससे रोहान पीड़ित था. वह केवल एक महीने का था जब हमने उसका इलाज शुरू किया लेकिन सर्जरी में पांच से 10 प्रतिशत का खतरा था." डॉक्टरों ने बताया कि रोहान की हालत अब बेहतर है और इस महीने के अंत तक वह वापस पाकिस्तान जा सकेगा.
आईबी/एके (आईएएनएस)