पेरिस के हमलावर का दावा, 'किसी को नहीं मारा'
९ फ़रवरी २०२२सालाह अब्देसलाम ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा, "मैंने किसी को नहीं मारा, किसी को चोट नहीं पहुंचाई, मैंने किसी को खरोंच भी नहीं लगाई." शांति के दौर में फ्रांस की धरती पर हुए इस सबसे बड़े हमले में 130 लोगों की मौत हुई थी.
32 साल के अब्देसलाम ने इस्लामिक स्टेट का सदस्य होने की बात कबूल की है लेकिन कहा है कि कोर्ट उसे संभवतया उम्र कैद की सजा दे कर "उदाहरण बनाने" की भूल कर रहा है. उसने हमला करने वालों से खुद को अलग करने की कोशिश की और यह जताया कि आखिरी वक्त में उसका मन बदल गया था. उसकी टीम के सारे साथी हमले के बाद मारे गए.
अब्देसलाम का कहना है, "भविष्य में अगर कोई 50 किलो विस्फोटक से भरा सूट कर लेकर मेट्रो या बस में जाए और आखिरी पल में फैसला करे कि मैं यह नहीं करूंगा तो वह जान रहा होगा कि वह ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि या तो वह जेल में बंद हो जाएगा या फिर मार दिया जाएगा."
महीनों बाद हुई थी गिरफ्तारी
अब्देसलाम को पेरिस में हुए नरसंहार के हमलावरों की तलाश में जुटी पुलिस ने कई महीनों के बाद बेल्जियम से मार्च 2016 में गिरफ्तार किया था. अब तक वह जांचकर्ताओं के सवालों का जवाब देने से इंकार करता रहा है.
अब उसने दावा किया है कि वह आत्मघाती जैकेट उतार कर खून खराबे के बाद मची अफरातफरी में भाग निकला और ब्रसेल्स के मोलेनबीक पहुंच गया जहां वह पला बढ़ा था.
बुधवार को शुरू हुई पूछताछ में अधिकारियों का ध्यान अब्देसलाम की पृष्ठभूमि और उन घटनाओं का पता लगाने पर है जिनके बाद हमला हुआ. अभियोजक यह पहले ही साबित कर चुके हैं कि उसने अपनी जवानी का ज्यादातर समय नाइटक्लबों और कैसिनो में गांजा फूंकते बिताया है.
बड़ा भाई आतंकवादी
अधिकारी उसके बड़े भाई इब्राहिम के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश में हैं. इब्राहिम 2015 की शुरुआत में सीरिया गया था. उसने हमले वाली रात पेरिस की एक बार में आत्मघाती बेल्ट से धमाका किया था. इसके साथ ही अधिकारियों को अब्देलहमीद अबाउद के बारे में भी जानकारी चाहिए जो कथित रूप से इस हमले का रिंगलीडर था और हमले के कुछ दिन बाद ही पुलिस की कार्रवाई में मारा गया था.
अब्देसलाम की मां, बहन और पूर्व मंगेतर को भी बुधवार को अदालत में आना था लेकिन जज ने अदालत में बताया कि वो लोग नहीं आ रहे हैं, हालांकि इसके पीछे कारण का ब्यौरा नहीं दिया गया.
अब्देसलाम कोर्ट में अब तक बेरहम की तरह ही पेश आता रहा है. एक बार उसने गुस्से में कहा था कि फ्रांस सीरिया में इस्लामिक स्टेट से लड़ रहे गठबंधन का हिस्सा बन कर जिहादी ठिकानों पर हमला करने के "जोखिम को जानता" था.
लगभग चार महीनों की कार्यवाही के बाद आधुनिक फ्रांस के इस सबसे बड़े मुकदमे को देखने सैकड़ों लोग कोर्ट में आए थे. इनमें याचिकाकर्ताओं के अलावा पीड़ितों के रिश्तेदार भी बड़ी संख्या में थे. अब यह मुकदमा नए फेज में पहुंच गया है जिसमें 14 संदिग्धों से पूछताछ होनी है. अब तक अब्देसलाम के दो साथियों ने चुप रहने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया है.और पढ़ें: मारा गया पेरिस हमलों का मास्टरमाइंड
हमले की भयानक रात
फिलिपे डुपेरो के बेटे को हमलावर बंदूकधारियों की गोली से बाटक्लान कंसर्ट हॉल में मौत हुई थी. डुपेरो ने फ्रांस 2 चैनल से कहा, "जब मैं उसकी ओर देखता हूं तो समझ नहीं आता, आखिर वो ऐसा कैस कर सकता है जो उसने किया, जो उन्होंने किया? इसकी व्याख्या कैसे हो सकती है? लेकिन एक बार फिर मुझे लगता है कि बिना हमारी समझ में आए ही यह मुकदमा खत्म भी हो जाएगा." डुपेरो पीड़ितों के संघ के प्रमुख भी हैं.
13 नवंबर 2015 को पहले हमलावर ने आत्मघाती बेल्ट के सहारे स्टाडे डे फ्रांस स्टेडियम के बाहर धमाका किया, उस वक्त वहां फ्रांस और जर्मनी के बीच फुटबॉल मैच चल रहा था. इसके बाद बंदूकधारियों के एक दल ने कार में बैठ कर कम से कम आधे दर्जन रेस्तराओं पर गोलीबारी की और फिर अब्देसलाम के भाई इब्राहिम ने एक बार में खुद को धमाके में उड़ा लिया. इसके बाद बाटक्लान में रॉक कंसर्ट देख रहे लोगों पर हमला कर 90 लोगों की जान ले ली गई.
अब्देसलाम के साथ जो अभियुक्त हैं वो हमले की योजना बनाने से लेकर, उसमें मदद देने और हथियारों की सप्लाई से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे हैं. यह मुकदमा नौ महीने चलने की उम्मीद है. इसमें अब्देसलाम समेत 20 लोगों पर ऐसे मामले हैं जिनमें उन्हें उम्रकैद की सजा हो सकती है. छह संदिग्धों पर मुकदमा उनकी गैरहाजिरी में चल रहा है.
एनआर/आईबी (एएफपी, रॉयटर्स)