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पैदा ही नहीं होंगे डेंगू फैलाने वाले मच्छर

११ जुलाई २०१८

बारिश का मौसम अपने साथ कई डेंगू या मलेरिया जैसी बीमारियां ले आता है जिससे कई बार जान भी चली जाती है. ऑस्ट्रेलिया में एक ऐसा प्रयोग हुआ है जिसका दावा है कि डेंगू को जड़ से खत्म किया जा सकता है.

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Mücke - Großaufnahme
तस्वीर: picture-alliance/dpa/P. Pleul

डेंगू जैसी खतरनाक बीमारियां फैलाने वाले मच्छरों का ऑस्ट्रेलिया के एक शहर में करीब 80 फीसदी तक खात्मा कर दिया गया है. इस उपलब्धि ने वैज्ञानिकों में उम्मीद जगाई है कि भविष्य में इस जानलेवा बीमारी से निजात पाई जा सकेगी.

ऑस्ट्रेलिया की सीएसआईआरओ नामक संस्था के शोधकर्ताओं ने लाखों नर एडीस एजिप्टी मच्छरों को जेम्स कुक यूनिवर्सिटी की प्रयोगशाला में पैदा किया. इन सभी मच्छरों को वोलबाचिया नामक बैक्टीरिया से संक्रमित किया गया. बैक्टीरिया ने मच्छरों की प्रजनन क्षमता खत्म कर दी.

80 फीसदी डेंगू मच्छरों को मारने में मिली कामयाबी

इसके बाद इन्हें क्वींसलैंड शहर में अलग-अलग जगहों पर तीन महीने के लिए छोड़ दिया गया जहां ये मादा मच्छरों के संपर्क में तो आए, लेकिन अंडों से बच्चे नहीं निकले. इससे मच्छरों की आबादी में भारी गिरावट देखी गई.

एडीस एजिप्टी मच्छर विश्व के सबसे खतरनाक कीटों में से एक है. मादा एजिप्टी मच्छर के काटने से डेंगू, जीका और चिकनगुनिया जैसी जानलेवा बीमारियां फैलती हैं.

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जानलेवा बीमारियां फैलाने वाले मच्छरों के प्रजनन शक्ति को खत्म करने की कोशिशें पहले भी हो चुकी हैं. लेकिन मच्छरों के झुंड में नरों की पहचान करना और उन्हें काटने वाली मादाओं से अलग करना एक बड़ी चुनौती बनी रही. गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट की ओर से फाइनेंस प्रोजेक्ट के तहत वेरिली नामक लाइफ साइंस कंपनी ने नर मच्छरों को पहचानने और अलग करने तकनीक खोज ली.

डीबग प्रोजेक्ट के तहत वैश्विक स्तर पर मच्छरों के पनपने और प्रजनन क्षमता पर काम किया जा रहा है. शोधकर्ताओं का कहना है कि पहले प्रयोग से वे काफी उत्साहित हैं और अब देखना है कि दूसरे इलाकों में इसे कैसे लागू किया जा सकता है.

वीसी/ओएसजे (एएफपी)

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