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पोप बेनेडिक्ट के पांच साल

१९ अप्रैल २०१०

जर्मनी के कार्डिनल योज़ेफ़ रात्सिंगर को संसार भर के कैथलिक ईसाइयों का सर्वोच्च धर्मगुरू बने पांच साल हो गए हैं. लेकिन वेटिकन आज जिन मुश्किलों में घिरा, उसे देखते हुए पांच साल का यह जश्न फीका लगता है.

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2005 में 19 अप्रैल के दिन वैटिकन में जमा हुए कैथलिक कार्डिनलों ने जब कार्डिनल रात्सिंगर को पोप चुना, तब स्वाभाविक था कि जर्मनों को सबसे अधिक गर्व और खुशी महसूस हो रही थी. ईसाइयत के दो हज़ार वर्षों के इतिहास में पहली बार किसी जर्मन को यह जिम्मेदारी मिली.

कार्डिनल योज़ेफ़ रात्सिंगर जब पोप बेनेडिक्ट 16वें बने थे, तो कहा करते थे कि वे चर्च की एकता को और बढ़ाएंगे. पांच ही साल में इस एकता का शीशमहल कांच के टुकड़ों का अंबार भर रह गया है. कहीं बच्चों के साथ पादरियों के यौनदुराचार पर पोप की चुप्पी है, तो कहीं यहूदी जातिसंहार को नकारने वालों की पुनर्प्रतिष्ठा है. कैथलिक कर्मकांड के प्रति उनका रूढ़िवादी दृष्टिकोण स्वयं कैथलिकों के बीच विभाजन की दीवारें खड़ी करने लगा है.

फ्राइबुर्ग के धर्मशास्त्री प्रो. एबरहार्ड स्टोकनहोफ़ कहते हैं कि योज़ेफ़ रात्सिंगर पोप के तौर पर अपना सही कार्यक्षेत्र अभी ढूंढ ही नहीं पाए हैं. उनके शब्दों में, "धर्मशास्त्र की दृष्टि से ऐसे कई विवादास्पद फ़ैसले रहे हैं, जो शक पैदा करने लगते हैं कि उनकी अगुआई में यात्रा भविष्य का जवाब देने लायक ईसाइयत की ओर ले जा रही है या सुधारों के पिछले 30 वर्षों के ठहराव में एक और ठहराव जोड़ने जा रही है."

पोप बेनेडिक्ट शुरू में विभिन्न ईसाई संप्रदायों के बीच एकता और अन्य धर्मों के साथ संवाद की बातें किया करते थे. अब संवाद तत्परता की जगह सिद्धांत संकीर्णता ने ले ली है. स्वयं प्रोटेस्टैंट चर्च को भी सच्चे अर्थों में ईसाई मानने से इन्कार किया जाने लगा है. प्रो. स्टोकनहोफ़ कहते हैं, "पोप सुधारवादी चर्चों के बारे में नकारात्मक बातें कहने के लिए कुछ अधिक ही व्यग्र रहते हैं."

इसी व्यग्रता के वश में 2006 में पोप बेनेडिक्ट ने इस्लाम में जिहाद के बारे में बाइज़ेंटाइन साम्राज्य के एक सम्राट मानुएल द्वितीय का एक उद्धऱण सुना दिया. उन्होंने कहा था, "ज़रा दिखाओ कि मुहम्मद ने आख़िर नया क्या दिया है? तुम केवल बुरी और अमनवीय बातें ही पाओगे, जैसे कि यह कि वे जिस आस्था का उपदेश देते हैं उसे तलवार के बल पर फैलाना होगा."

इस्लामी जगत दंग रह गया. 38 प्रमुख इस्लामी धर्मगुरुओं ने एक खुले पत्र में इसका ज़ोरदार विरोध किया. वैटिकन ने इसे ग़लतफ़हमी बताने की कोशिश की. पोप तुर्की गये. इस्तांबुल की सबसे प्रसिद्ध मस्जिद के मुफ्ती से मिले. इस्लाम और ईसाइयत के बीच समानताओं की दुहाई दी.

जब कैथलिक पादरियों द्वारा जर्मनी सहित अनेक देशों में बच्चों के साथ यौनदुराचार की दिल दहला देने वाली ख़बरें आती हैं, तो पोप चुप्पी साध लेते हैं या उन्हें सही शब्द ही नहीं मिलते.

रिपोर्टः डीडब्ल्यू/राम यादव

संपादनः ए कुमार