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नरेंद्र मोदी बर्लिन में हैं, ओलाफ शॉल्त्स से पहली मुलाकात

२ मई २०२२

भारत के प्रधानमंत्री अपनी यूरोप यात्रा के पहले चरण में जर्मन राजधानी बर्लिन पहुंच गए हैं. प्रधानमंत्री ऐसे वक्त में आये हैं जब यूरोप पर यूक्रेन युद्ध का साया है. कारोबार पर बात होगी लेकिन यूक्रेन भी एजेंडे में रहेगा.

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जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली मुलाकात
जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली मुलाकाततस्वीर: Michael Kappeler/dpa/picture alliance

प्रधनमंत्री मोदी ने बर्लिन के लिए रवाना होने से पहले एक बयान जारी कर कहा, "मेरी यूरोप यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब यह क्षेत्र कई चुनौतियों और विकल्पों से जूझ रहा है." बयान में यह भी कहा गया है कि प्रधानमंत्री यूरोपीय सहयोगियों के साथ सहयोग की भावना को मजबूत करने की इच्छा रखते हैं जो "शांति और  समृद्धि की भारत की तलाश में अहम साथी रहे हैं."

प्रधानमंत्री मोदी आज बर्लिन में जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स के मुलाकात कर रहे हैं. भारतीय अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दिये इंटरव्यू में जर्मन चांसलर ने कहा है कि मोदी के साथ बातचीत के "एजेंडे में यूक्रेन पर रूस का हमला सबसे ऊपर होगा." इंडियन एक्सप्रेस ने शॉल्त्स के हवाले से लिखा है, "रूसी हमले की क्रूरता सदमे में डालने वाले और हिला कर रखने देने वाली है. जो लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं उन्हें दोषी ठहराया जाना चाहिए. मुझे पूरा यकीन है कि हमारे देशों में इस पर व्यापक सहमति है." इस बात के आसार दिख रहे हैं कि यूक्रेन में युद्ध अपराधों के लिए रूस को दोषी ठहराने की कार्रवाई में भारत को साथ लाने की कोशिश होगी.

जी 7 की बैठक के लिए न्यौता

सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि शॉल्त्स प्रधानमंत्री मोदी को विकसित देशों के संगठन जी 7 की अगले महीने होने वाली बैठक में विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित करना चाहते हैं. माना जा रहा है कि रूस के खिलाफ एक बड़ा गठबंधन बनाने की कोशिशों के तहत यह पहल की जायेगी. ब्लूमबर्ग न्यूज ने इस बारे में खबर छापी है. ब्लूमबर्ग ने एक अज्ञात सूत्र के हवाले से यह भी है कि रूस की निंदा करने से भारत के इनकार और तेल का आयात बढ़ाने के फैसलों की वजह से इस निमंत्रण पर कई हफ्तों से फैसला नहीं हो पा रहा था. 

कोरोना से रिकवरी का मजबूत स्तंभ बनेगा भारत: मोदी

जर्मन चांसलर और भारतीय प्रधानमंत्री की मुलाकात में कई कैबिनेट मंत्री भी शामिल हो रहे हैं. सोमवार की बैठक में कारोबार को लेकर भी चर्चा होनी है. सबसे पहले चांसलरी में ओलाफ शॉल्त्स भारत के प्रधानमंत्री का स्वागत करेंगे और फिर दोनों नेताओं की बातचीत होगी. इसके बाद प्लेनरी सेशन होगा जिसमें कैबिनेट मंत्री और दूसरे अधिकारी शामिल होंगे. इसके बाद कुछ देर के लिये दोनों नेता संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.

कारोबार में सहयोग

मोदी और शॉल्त्स की कारोबारी नेताओं के साथ भी मुलाकात होगी. दोनों नेता यूरोपीय संघ और भारत के बीच कारोबारी समझौते को आगे बढ़ाना चाहते हैं.

जर्मनी भारत का यूरोप में तीसरा और दुनिया में छठा सबसे बड़ा कारोबारी सहयोगी है. भारत और जर्मनी के बीच आपसी सहयोग के लिए इस तरह की इंडो-जर्मन मीटिंग का यह छठा संस्करण है. इस तरह की पिछली मुलाकात कोरोना वायरस की महामारी फैलने से पहले 2019 में हुई थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोंदी बर्लिन में आज शाम प्रवासी भारतीयों से भी मुलाकात करेंगे. भारतीय दूतावास पिछले कई दिनों से इस रैली की तैयारी में जुटा है. उम्मीद की जा रही है कि करीब 2000 लोग इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जर्मनी के अलग-अलग शहरों से आ रहे हैं.

प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत के लिए तैयार जर्मन चांसलरी
प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत के लिए तैयार जर्मन चांसलरी तस्वीर: Isha Bhatia/DW

प्रधानमंत्री मोदी बर्लिन के बाद कोपेनहेगेन जायेंगे. यहां दो दिन के इंडिया-नॉर्डिक समिट में उनकी मुलाकात आईसलैंड, नॉर्वे, डेनमार्क, स्वीडन और फिनलैंड के नेताओं से होगी. यूरोप यात्रा के आखिरी चरण में वो पेरिस जा कर इमानुएल माक्रों से मुलाकात करेंगे. फ्रांस और भारत आपसी कूटनीतिक रिश्तों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं.

एनआर/आरएस (डीपीए, एएफपी)