फिर मैच फिक्सिंग, फिर पाकिस्तानी खिलाड़ी
१८ फ़रवरी २०१२पिछली बार की तरह यह मामला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का नहीं, बल्कि इंग्लैंड के घरेलू क्रिकेट का है. एसेक्स के पूर्व गेंदबाज वेस्टफील्ड ने 2009 में पैसे लेकर डरबन के खिलाफ मैच में ऐसी बॉलिंग की कि उनके पहले ओवर में 12 रन बन जाएं. उनका कहना है कि इस बात के लिए पाकिस्तान के मशहूर गेंदबाज दानिश कनेरिया ने उनसे कहा. उन्होंने ऐसा ही किया और अदालत में इस बात को कबूल भी कर लिया. अब उन्हें चार महीने की सजा मिली है और कम से कम इसका आधा जेल के अंदर बिताने होंगे. इस मामले में कनेरिया भी गिरफ्तार हो चुके हैं. हालांकि उन्हें बाद में रिहा कर दिया गया था.
जज एंथोनी मॉरिस ने कहा कि इस फैसले के बाद उन क्रिकेटरों को सबक मिलेगा, जो ऐसी हरकत में लगे हैं, "वेस्टफील्ड को पता था कि वह एक भ्रष्ट पथ पर बढ़ रहे हैं. आप इससे इनकार कर सकते थे. लेकिन आपने ऐसा नहीं किया. वित्तीय फायदे के लिए आपने एसेक्स, खिलाड़ियों और दुनिया भर के प्रशंसकों के उस विश्वास को तोड़ दिया, जो समझते हैं कि क्रिकेटर ईमानदारी से खेलते हैं."
आईसीसी खुश
आईसीसी प्रमुख हारून लोर्गाट ने इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा, "आईसीसी को इस बात में कतई खुशी नहीं होती कि किसी खिलाड़ी को जेल भेजा जाता है लेकिन यह फैसला क्रिकेट में मैच फिक्सिंग के लिए प्रतिरोधक का काम कर सकता है." एसेक्स ने इस फैसले पर दुख जताया है.
सरकारी वकील ने इस पूरे घटनाकांड का ब्योरा देते हुए बताया कि पाकिस्तानी खिलाड़ी दानिश कनेरिया की वजह से वेस्टफील्ड फिक्सिंग के फंदे में फंस गया. नाइजेल पीटर क्यूसी ने बताया कि एसेक्स के ही एक और खिलाड़ी टॉनी पलाडीनो सितंबर, 2009 में वेस्टफील्ड के फ्लैट पर गया और उसे इतना पैसा दिखाया, "जितना उसने पहले कभी नहीं देखा था." इसके बाद वेस्टफील्ड डरबन के खिलाफ मैच में ऐसी गेंदबाजी करने पर राजी हो गया, जिससे उसके पहले ही ओवर में 12 रन बन जाएं.
कनेरिया की गिरफ्तारी
कनेरिया को इस मामले में 2010 में गिरफ्तार किया जा चुका है. लेकिन बाद में बिना किसी आरोप के छोड़ दिया गया. इस पूरे मामले में शुरू से ही कहा जा रहा था कि एक खिलाड़ी ने वेस्टफील्ड को यह प्रस्ताव दिया, हालांकि उस खिलाड़ी का नाम शुक्रवार से पहले घोषित नहीं किया गया. अंत में मुकदमे के आखिरी दिन ही पता चला कि यह दानिश कनेरिया ही हैं.
छह महीने के अंदर क्रिकेटरों को जेल की सजा मिलने की यह दूसरी घटना है. दोनों ही मामले इंग्लैंड के हैं. इससे पहले पाकिस्तान के तीन क्रिकेटरों मोहम्मद आसिफ, मोहम्मद आमिर और सलमान बट को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में फिक्सिंग की वजह से सजा मिली है. आमिर को सबसे कम छह महीने की जेल हुई थी और उसमें से आधा यानी तीन महीने जेल में गुजार कर वह बाहर आ चुके हैं. इंग्लैंड के अलावा दुनिया के किसी दूसरे देश में किसी भी क्रिकेटर को मैच फिक्सिंग की वजह से जेल की सजा नहीं मिली है.
बेदाग हैं दानिश
कराची में दानिश कनेरिया के वकील फारुक नसीम ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, "यह तो वेस्टफील्ड का कहना है कि कनेरिया ने ऐसा किया. लेकिन सवाल यह उठता है कि उनके पास क्या सबूत हैं." उन्होंने जोर देकर कहा कि पुलिस इस मामले में कनेरिया को बरी कर चुकी है, "आईसीसी भी इस मामले में उन्हें बरी कर चुकी है. इसलिए हमारा मानना है कि हमारे मुवक्किल पाक साफ हैं."
पाकिस्तान के तीन खिलाड़ियों के फंसने के बाद कनेरिया की गिरफ्तारी से पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड बेहद परेशान हुआ था और उसने 2010 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में से कनेरिया का नाम हटा लिया था. उसके बाद से उन्हें वेस्टफील्ड मामले के खत्म होने का इंतजार था. इस बीच कनेरिया ने पीसीबी को एक अर्जी दी थी कि उनके नाम पर चयन के लिए विचार किया जाए, जिसे सिंध हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया. बाद में कनेरिया ने ऊपरी अदालत का दरवाजा भी नहीं खटखटाया.
पाकिस्तान के मौजूदा कप्तान मिस्बाह उल हक इस बात से बेहद दुखी हैं कि एक बार फिर पाकिस्तानी खिलाड़ी का नाम मैच फिक्सिंग में फंसा है. उन्होंने दुबई में कहा, "यह पाकिस्तान के लिए निश्चित तौर पर बेहद दुख की बात है. मैं उम्मीद करता हूं कि ऐसी चीजें हमारे क्रिकेट से खत्म हो जाएं."
रिपोर्टः एएफपी, एपी, रॉयटर्स/ए जमाल
संपादनः एम गोपालकृष्णन