फिलीपींस में यौन संबंधों के लिए सहमति की उम्र बढ़ेगी
२१ दिसम्बर २०२०मनीला की रोज अलवारेज ने 13 साल की उम्र में ही अपने से दोगुने उम्र के पुरुष के साथ सेक्स करना शुरू कर दिया था. ज्यादातर देशों में यह बलात्कार है लेकिन फिलीपींस में नहीं. कैथोलिक बहुल देश में सहमति से सेक्स करने की उम्र दुनिया में सबसे कम है. ऐसे में अगर 12 साल के किशोर भी राजी हो जाएं तो वयस्क उनके साथ कानूनी रूप से यौन संबंध बना सकते हैं. बच्चों के अधिकार के लिए लड़ने वाले कार्यकर्ता लंबे समय से इस उम्र को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.
देश में 'पितृसत्तात्मक संस्कृति' को प्रमुखता से मानने वाले लोग इसका विरोध करते रहे हैं. यहां तो गर्भपात और तलाक भी गैरकानूनी है. देश की संसद अब एक बिल को मंजूरी देने जा रही है जिसमें यौन संबंधों के लिए सहमति देने का अधिकार 16 साल की उम्र के बाद ही मिलेगा. संसद में जल्दी ही इस पर मतदान होने वाला है.
बच्चों को यौन शोषण से बचाने की जरूरत
सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह कानून देश के युवाओं को ऑनलाइन सेक्स दुर्व्यवहार से बचाएगा. फिलीपींस इसका एक प्रमुख केंद्र बन गया है. यहां हर रोज 500 किशोरियां गर्भवती होती हैं और बच्चे को जन्म देती हैं. फिलीपींस में यूनिसेफ की बाल सुरक्षा प्रमुख पैट्रिशिया बेनवेनुती का कहना है, "यह फिलिपीनो बच्चों की जीत है. 12 साल की उम्र में सेक्स के लिए सहमति देना दिमाग के विकास पर हुए वैज्ञानिक अध्ययनों से मेल नहीं खातीं."
महज 14 साल की उम्र में गर्भवती हुई अल्वारेज (बदला हुआ नाम) का कहना है कि उब उन्हें महसूस होता है कि वह यौन संबंधों और मां की जिम्मेदारियों के लिहाज से बहुत कम उम्र की थीं. अब 16 साल की हो चुकी अल्वारेज ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "उस वक्त मैं खुद ही बच्ची थी, मुझे सेक्स के बारे में कुछ नहीं पता था. मैंने उसे कंडोम इस्तेमाल करने के लिए कहा... लेकिन उसने हटा दिया. वह इस्तेमाल नहीं करना चाहता था."
अल्वारेज को 12 साल की उम्र में लगता था कि वो महज चुंबन से ही गर्भवती हो जाएगी. पहली बार जब वो पुरुष के साथ सोई तो नशे में थी. 29 साल के उस शख्स से उसकी मुलाकात फेसबुक पर हुई थी. आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि फिलीपींस में बच्चों के साथ यौन दुर्व्यवहार और बलात्कार व्यापक पैमाने पर होता है.
20 फीसदी बच्चों ने किया यौन हिंसा का सामना
सीनेटर रीसा होन्टीवेरोस ने सीनेट को एक दस्तावेज में बताया कि तकरीबन हर घंटे किसी महिला या नाबालिग का बलात्कार होता है. उन्होंने ये आंकड़े सेंटर फॉर वूमेंस रिसोर्सेज से लिए थे. 10 में से 7 मामलों में पीड़ित बच्चे हैं और उनमें भी सबसे बड़ी संख्या लड़कियों की है. पूरे देश में कराए गए सरकार समर्थित एक रिसर्च के आंकड़े बताते हैं कि 2015 में 13-17 साल के हर पांच में से एक बच्चे ने यौन हिंसा का सामना किया. यूनिसेफ के मुताबिक 25 में से एक का बलात्कार उसके बचपन में हुआ.
बलात्कार के ऐसे मामलों में जिनमें पीड़ित 12 साल का हो फिलीपींस में दोषियों को सजा दिलाना मुश्किल होता है. ऐसे मामलों में दोषियों की दलील होती है कि जो कुछ हुआ वह सहमति से था. प्रस्तावित बिल इसे गैरकानूनी बना देगा और इसके लिए उम्रकैद की सजा भी हो सकेगी. हालांकि युवा जोड़ों को इसके लिए सजा नहीं मिलेगी.
सामाजिक व्यवहार में बदलाव की मांग
सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि सहमति की उम्र बढ़ाने से यौन शिकारियों को रोका जा सकेगा हालांकि बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा, और किशोरियों के गर्भधारण को रोकने के लिए और कदम उठाने होंगे. चिल्ड्रेंस लीगल राइट्स एंड डेवलपमेंट सेंटर की कार्यकारी निदेशक रोवेना लेगास्पी का कहना है कि ऐसे मामलों में "पीड़ितों पर आरोप" लगाने की अभियोजकों और जजों की प्रवृत्ति को भी बदलने की जरूरत है और साथ ही कार्यवाही को तेज करना होगा.
आमतौर पर ऐसे मामलों को कोर्ट तक पहुंचने में भी सालों लग जाते हैं. इतने समय में पीड़ित वयस्क हो जाते हैं और कई मामलों में दोषी की मौत हो चुकी होती है. लेगास्पी का कहना है, "बच्चों की सुरक्षा के लिए पहले से भी बहुत से कानून हैं, समस्या उन पर अमल करने की है. आप सिर्फ कानून बदलते हैं लेकिन सिस्टम तो वही रहता है."
एनआर/एमजे(एएफपी)
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