फिल्म 127 आवर्स देखकर बेहोश हो रहे हैं लोग
१० फ़रवरी २०११फिल्म स्लमडॉग मिलिनेयर बनाने वाले निर्देशक डैनी बोयल की फिल्म 127 आवर्स को ऑस्कर के लिए नामांकित किया गया है. इस फिल्म में उन्होंने अमेरिकी नागरिक ऐरॉन राल्सन की कहानी दिखाई है. राल्सन दो विशाल चट्टानों के बीच एक दरार में फंस गए थे. वहां से बाहर निकलने के लिए उन्होंने 127 घंटे संघर्ष किया.
सिडनी के सेंट विन्सेंट अस्पताल में इसी हफ्ते तीन लोगों का इलाज किया गया है. इन तीनों को बेहोशी, उल्टी और मिर्गी के दौरे जैसी स्थिति से गुजरना पड़ा. इसकी वजह फिल्म 127 आवर्स के भयानक दृश्य हैं.
अस्पताल के आपातकालीन विभाग के अध्यक्ष गोर्डियन फुल्दे ने अखबार द डेली टेलीग्राफ को बताया, "अगर शरीर के अंदर कोई प्रतिक्रिया होती है तो वह काम करना बंद कर सकता है, जिससे आदमी बेहोश हो जाता है. जब मस्तिष्क में रक्त और ऑक्सीजन की पूरी मात्रा नहीं पहुंच पाती तो दौरा भी पड़ सकता है."
इसी वजह से रोवान विर्बिकास नाम के एक फिल्म दर्शक को अस्पातल में पांच घंटे गुजारने पड़े. वह फिल्म के एक सीन के दौरान बेहोश हो गए थे. 27 साल के विर्बिकास बताते हैं, "लोगों ने समझा कि मुझे दौरा पड़ गया है. मैं जब होश में आया तो मुझे 30 सेकेंड्स की फिल्म याद है."
इन घटनाओं के बाद सिडनी के सिनेमाघरों को चेतावनी जारी कर दी गई है और वे विशेष प्रबंध कर रहे हैं. फिल्म के निर्देशक डैनी बॉयल ने इन घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. ऐसा अमेरिका में भी हो चुका है. टेलुराइड फिल्म फेस्टिवल के दौरान भी इस फिल्म को देखकर दो लोग बेहोश हो गए थे. इसके अलावा टोरंटो और मिल वैली फिल्म फेस्टिवल के दौरान भी कुछ लोग बेहोश हो गए.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एस गौड़