1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

फुटबॉल के दीवाने देश की नजर क्रिकेट पर

२५ फ़रवरी २०११

भारतीय उपमहाद्वीप में इन दिनों क्रिकेट की जंग छिड़ी है. फुटबॉल के दीवाने जर्मनी के मीडिया में भी क्रिकेट वर्ल्ड कप की चर्चा हो रही है. साथ ही पाकिस्तान और भारत की कई और खबरों पर भी नजर डाली गई है.

https://p.dw.com/p/10Pjs
तस्वीर: picture-alliance/dpa

फ्रांकफुर्टर अल्गेमाइने त्साइटुंग लिखता है कि अगले छह हफ्ते क्रिकेट प्रेमी दीवानों की तरह क्रिकेट वर्ल्ड कप देखेंगे. यह वर्ल्ड कप तीन देशों में हो रहा हैः भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश. अखबार लिखता हैः

"यह एक ऐसा इलाका है जहां लोग खेल में जल्द ही दीवाने हो जाते हैं. बड़े सितारे दुनिया में कहीं भी इतने नहीं पूजे जाते, जितने यहां. भारत के सचिन तेंदुलकर जैसे बड़े खिलाड़ी राष्ट्रीय नायक हैं. शुरुआत में भारतीय टीम ने बांग्लादेश को आसानी से हरा दिया. लेकिन आने वाले हफ्ते मुश्किल होंगे. क्रिकेट को सबसे बड़ा खतरा फिक्सिंग और अपराधी तत्वों से है. वकील धर्मेश शर्मा का कहना है कि आपराधिक संगठन क्रिकेट से मिली अकूत दौलत को नशीली दवाओं के अवैध व्यापार और आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करते हैं."

घोटाले की छानबीन

90 के दशक में उदारवादी सुधारों के बाद पहली बार भारतीय सरकार बढ़ते भ्रष्टाचार की जांच के लिए समिति बनाने की बात कर रही है. इसी के साथ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह विपक्ष के दबाव के सामने झुक गए है. यह कहना है बर्लिनर टागेस त्साइटुंग का. अखबार लिखता हैः

"सालों से चले आ रहे भ्रष्टाचार की अब छानबीन होगी. सिर्फ टेलीकॉम घोटाले में ही सरकारी खजाने के तीस अरब यूरो के घपले की बात है. इसमें भारत के सबसे बड़े कारोबारियों टाटा और अंबानी पर भी उंगली उठ रही है. पूर्व टेलीकॉम मंत्री और कई बड़े नौकरशाह पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं. जाहिर है जब बड़े लोग समिति के सामने पेश होंगे तो बड़ा तमाशा होगा. वैसे इससे किसी बड़े खुलासे की उम्मीद बेमानी है, लेकिन प्रधानमंत्री सिंह की उदारवादी नीतियों और राजनीतिक व्यवस्था के विश्लेषण का मौका जरूर मिलेगा."

Flash-Galerie Andimuthu Raja
पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा जेल में हैंतस्वीर: AP

जातिगत जनगणना

भारत में राजनीतिक दलों ने इस बात का ज्यादा विरोध नहीं किया कि 1.2 अरब भारतीयों की जनगणना जाति के आधार पर होगी. जुलाई में सरकार जातिगत जनगणना शुरू करने वाली है, उसे लेकर बहुत गर्मागर्म बहस हो रही है. यह कहना समाजवादी अख़बार नोएस डॉयचलांड का. अखबार आगे लिखता हैः

"अब तक स्वतंत्र भारत में जातिगत जनगणना नहीं हुई जिसके ठोस कारण मौजूद हैं. संविधान में जाति के आधार पर भेदभाव की मनाही है लेकिन आम जिंदगी में यह अब भी जारी है. इसीलिए अब तक कोई भी सरकार मधुमक्खी के छत्ते में हाथ डालने बचती रही है. सरकार को विश्वास है कि करोड़ों गरीब लोगों के लिए नीतियां बनाने में मदद मिलेगी लेकिन इसका विरोध भी अनदेखा नहीं किया जा सकता. कानूनविदों, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एक मुहिम छेड़ी है 'हमारी जाति हिंदुस्तानी है'. उनका कहना है कि जनगणना के फॉर्म में भरिए कि मेरी जाति भारतीय है. यह मुहिम चलाने वालों का मानना है कि इस तरह के सवाल एकता, मेल मिलाप और भारत की समृद्धि के लिए घातक साबित होंगे."

Indien Unabhängigkeitstag Drachen Flash-Galerie
सरकार का कहना है कि गरीबों के लिए योजना बनाने में जातिगत जनगणना का फायदा मिलेगातस्वीर: AP

भारत की ताकत

विकसित देशों और विकासशील देशों के बीच कंपनियों का अधिग्रहण तेजी से बढ़ रहा है. 2002 से यह आंकड़ा लगातार औसतन सालाना 11 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रहा है. इस बारे में एक अध्ययन का हवाला देते हुए डी वेल्ट कहता हैः

"पश्चिम में सबसे बड़ा खरीददार भारत रहा है न कि चीन, जैसा कि डर था. विकासशील देशों द्वारा किए जाने वाले कंपनी अधिग्रहण में 24 फीसदी भारत ने किए हैं. कंपनी मामलों के सलाहकार एटी कीयरने का कहना है कि इस मामले में भारत ने ज्यादा खुलापन दिखाया है लेकिन चीन जल्द ही चोटी पर होगा क्योंकि वह लगातार तेजी से अधिग्रहण कर रहा है. वहीं भारत थोड़ा सुस्त पड रहा है."

सागर में शक्ति की आजमाइश

नोए ज्युरिषे त्साइटुंग लिखता है कि हिंद महासागर के बढ़ते राजनीतिक और आर्थिक महत्व को यूरोप में अभी पूरी अहमियत नहीं दी जा रही है. जहां तक वैश्विक व्यापार का सवाल है, पिछले दस साल में हिंद महासागर ने अंटलांटिक और प्रशांत महासागर को पीछे छोड़ दिया है. इस क्षेत्र का रणनीतिक महत्व भी बहुत मायने रखता है. अख़बार लिखता हैः

"सबसे ज्यादा दिलचस्पी चीन की दिखाई पड़ती है जो हिंद महासागर में सुरक्षा ठिकाने बना रहा है. इस तरह से चीन सिर्फ पाकिस्तान को ही नहीं, बल्कि बांग्लादेश, श्रीलंका और म्यांमार को भी बंदरगाह बनाने में मदद कर रहा है. म्यांमार में चीन कोको द्वीप पर ऐसे ठिकाने बना रहा है जहां से निगरानी की जा सके. मॉरिशस और मालदीव में भी चीन निवेश कर रहा है. चीनी मामलों के जानकारों का कहना है कि यह सब बढ़ती आर्थिक जटिलताओं की तरफ इशारा करता है. इस क्षेत्र का सिर्फ व्यावसायिक महत्व ही नहीं है, बल्कि यहां युद्ध पोतों में ईंधन भी भरा जाता है. हालांकि अमेरिका कुछ समय अभी और हिंद महासागर में सबसे ताकतवर बना रहेगा. लेकिन अब सिर्फ वहीं ताकतवर नहीं रह गया है."

USA Militär Kapitän Owen Honors Flugzeugträger USS Enterprise im Atlantik
अभी कुछ समय तक अमेरिका ही हिंद महासागर में सबसे ताकतवर बना रहेगातस्वीर: AP

अंत में, फ्रांकफुर्टर अल्गेमाइने त्साइटुंग कहता है कि पाकिस्तान में तेजी से धार्मिक कट्टरपंथ की फसल पनप रही है. अरब देशों में जारी विद्रोह की तरह पाकिस्तान का समाज तेजी से बदल रहा है. यह कोई शांत क्रांति नहीं है, बल्कि 18 करोड़ मुसलमानों के दिमाग में यह सब चल रहा है. इस बदलाव का नतीजा एक दुस्वप्न हो सकता है यानी परमाणु हथियारों से लैस एक ऐसा देश जो कट्टरपंथी हाथों में होगा और यह डर अभी खत्म नहीं हुआ है.

संकलनः अना लेहमान/आभा एम

संपादनः ए कुमार

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें