बर्लिन में दुनिया का सबसे बड़ा योग शिविर
४ जुलाई २०११श्री श्री रविशंकर की संस्था 'द आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन' की 30वीं वर्षगांठ के मौके पर यह आयोजन किया गया. संस्था ने दावा किया है कि इतने सारे लोगों के साथ यह दुनिया का सबसे बड़ा योग और प्राणायाम शिविर रहा. बर्लिन के ओलिम्पिक स्टेडियम में लगे इस शिविर में 151 देशों के लोगों ने भाग लिया. इनमें जापान, रूस, अर्जेन्टीना, लिथुआनिया, साइप्रस, क्यूबा और यूक्रेन के लोग भी मौजूद हैं.
योग और प्राणायाम के अलावा दो दिन तक चले 'वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल' में दुनिया भर के संगीत और नृत्य भी देखे गए. विभिन्न देशों से छह हजार कलाकार यहां पहुंचे. कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रों के उच्चारण से हुई. 55 वर्षीय श्री श्री रविशंकर ने लोगों को जर्मन और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में संबोधित किया. धर्मगुरु को जर्मन में बोलता देख भीड़ बेहद उत्साहित हो उठी.
धर्मगुरु ने कहा, "अब समय आ गया है कि सभ्यताओं और संस्कृतियों के बीच से दीवारें हट जाएं. हम सब को याद रखना चाहिए कि हम इस दुनिया रूपी परिवार का हिस्सा हैं. हमें एकजुट हो कर प्रेम, संवेदना और आराधना की बात करनी चाहिए." इस मौके पर भारत के पर्यटन मंत्री सुबोध कान्त सहाय और बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी भी मौजूद थे. गडकरी ने कहा, "आतंकवाद के घावों को भरने के लिए मानवता को पौराणिक भारत के ज्ञान की जरूरत है. श्री श्री रविशंकर शांति के दूत हैं, वे आधुनिक जमाने के एक ऋषि हैं, जो दुनिया में भाईचारा फैलाने आए हैं."
रिपोर्ट: पीटीआई/ ईशा भाटिया
संपादन: एन रंजन