बाज़ार में बढ़त का बुलबुला फूटा
१६ अक्टूबर २००८कहीं पांव टिकाने में असमर्थ पा रही अमेरिकी अर्थव्यवस्था की लड़खड़ाहट जारी है. सरकारी योजनाओं के जवाब में बैंकिंग प्रणाली के बारे में जगे आशावाद के परिणाम में शेयर बाज़ार के डाओ सूचकांक की 936 अंकों की रिकॉर्ड चढ़त बुधवार को इस औद्योगिक औसत में 733 अंकों यानी 8 प्रतिशत की गिरावट आ गई. डाओ के 21 साल के इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी गिरावट.
शेयरों की एकाएक तेज़ बिक्री का कारण यह रिपोर्ट थी कि सितंबर में अमेरिकी खुदरा बिक्रियों में 1.2 प्रतिशत की कमी आई है, जो प्रत्याशित दर से लगभग दोगुनी है.
अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालाय की इस रिपोर्ट ने सप्ताह के शुरू में उमड़े उत्साह को ठंडा कर दिया क्योंकि दो तिहाई अमेरिकी आर्थिक गतिविधि खुदरा बिक्रियों पर निर्भर होती है. सितंबर गिरती खुदरा बिक्रियों का लगातार तीसरा महीना था जो इस बात का संकेत है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी के दौर में क़दम रख चुकी है.
इस बीच अमेरिका के केंद्रीय बैंक फ़ेडरल रिज़र्व के इस मूल्यांकन ने निवेशकों की निराशा को और गहरा कर दिया कि ऋणों की उपलब्धता के अभाव में सितंबर में कुल मिलाकर अमेरिकी अर्थव्यवस्था की गतिविधि कमज़ोर हुई है.
फ़ेडरल रिज़र्व के अध्यक्ष बैन बर्नैंकी ने बुधवार को आगाह किया कि ऋणमंडियों की समस्या से निपटने के परिणाम में व्यापक स्तर पर अर्थव्यवस्था तत्काल नहीं उठ खड़ी होगी कि बाज़ारों का स्थिरीकरण अत्यंत महत्वपूर्ण पहला क़दम भर है.
शेयर बाज़ार में गिरावट राष्ट्रपति बुश की अपने मंत्रिमंडल के साथ एक बैठक के बाद आई. हालांकि बुश ने सरकार द्वारा उठाए गए क़दमों के आख़िरकार प्रभावकारी होने का आश्वासन दिया.
अर्थव्यवस्था संबंधी इन निराशाजनक समाचारों के बीच यह फ़ैसला कर पाना भी कठिन जान पड़ रहा है कि क्या इस बात को आशा की एक धुंधली किरण के रूप में देखा जा सकता है कि इन दिनों कच्चे तेल का मूल्य काफ़ी नीचे आ गया है, जो जुलाई के बाद से 23 प्रतिशत कम हो गया है.