बुद्ध, बेकर और विवाद
२५ जुलाई २०१४स्पेन के इबीजा में ली गई इस तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया पर एक यूजर का कमेंट है, "मुझे लगता था कि वह इसी दुनिया के हैं. लेकिन ये फोटो दिखाता है कि दूसरे धर्मों के प्रति उनका आदर बिलकुल नहीं है. उन्हें शर्म आनी चाहिए." यह फोटो बोरिस बेकर ने खुद इंस्टाग्राम में अपलोड किया है.
बेकर इस प्रतिक्रिया को नहीं समझ पा रहे हैं. उन्होंने इंग्लिश में जवाब दिया, "सभी धर्मों के लिए मेरे मन में बहुत आदर है. और ये आप पर भी लागू होता है." हालांकि कई लोग इस पर कोई तनाव नहीं लेना चाहते. एक यूजर ने लिखा, "बकवास है. यहां अधिकतर लोगों को पता ही नहीं कि बुद्ध लिखते कैसे हैं और बात आदर की कर रहे हैं." वहीं एक अन्य का कहना है, "आलोचना तो उसकी होनी चाहिए जिसने डेकोरेशन के लिए बुद्ध की मूर्ति पूल पर लगा दी."
फैशन में विवाद
पिछले साल के दौरान कई देशों में बुद्ध की मूर्तियां बगीचे से लेकर ड्राइंग रूम में भी सजने लगीं. एशिया में इस पर काफी चिंता है. 90 फीसदी बौद्ध आबादी वाले देश थाइलैंड में बुद्ध की मूर्ति के निर्यात पर प्रतिबंध है. अगर कोई मूर्ति पर चढ़ने की कोशिश करता है तो उसे जेल जाना पड़ सकता है. इतना ही नहीं थाईलैंड में बुद्ध के प्रति आदर दिखाने के मुद्दे पर व्यापक अभियान भी चलाया गया. श्रीलंका में बुद्ध की मूर्ति की ओर पीठ करके फोटो खिंचवाना मना है.
एक साल पहले मलेशियाई मूल के कलाकार हान चोंग की मूर्ति पर काफी बवाल मचा था. उन्होंने हार्डवेयर की दुकान के बाहर सुनहरे बुद्ध का गिरा हुआ स्टेचू रख दिया था. इसका नाम मेड इन ड्रेसडन रखा गया था. जर्मनी में बौद्ध संघ ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी और धर्म का अपमान बताया था.
रिपोर्टः क्लाउस डानमन/एएम
संपादनः ए जमाल