शुरू हुआ बॉब्स 2015
१९ फ़रवरी २०१५साल 2004 से शुरु हुई अंतरराष्ट्रीय ब्लॉग प्रतियोगिता "द बॉब्स" के ग्यारहवें साल में कई बड़े बदलाव किए जा रहे हैं. बॉब्स के इतिहास में पहली बार "फ्रीडम ऑफ स्पीच" अवॉर्ड दिया जाएगा. किसी ऐसे व्यक्ति या संस्था को इस पुरस्कार से नवाजा जाएगा जो डिजिटल दुनिया में विशेष रूप से मानवाधिकारों पर अपने विचार रखता आया हो.
इस तरह से एक ऐसे मुद्दे पर जोर दिया जा रहा है, जो बॉब्स की शुरुआत से ही इस प्रतियोगिता के केंद्र में रहा है. यह मुद्दा है अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार के लिए लोगों की प्रतिबद्धता का, जिसके लिए वे डिजिटल दुनिया में हो रहे बदलावों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
नागरिक समाज का सशक्तिकरण
डीडब्ल्यू के महानिदेशक पेटर लिम्बुर्ग का इस बारे में कहना है, "इस तरह से हम अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता को डॉयचे वेले के एक मुख्य उद्देश्य की ओर केंद्रित कर रहे हैं और यह उद्देश्य है दुनिया भर में मीडिया की और अभिव्यक्ति की आजादी के लिए प्रतिबद्धता. इसके साथ ही इस बार हम तीन जूरी पुरस्कारों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं ताकि पुरस्कारों को ऑनलाइन दुनिया में और भी ज्यादा असरदार बनाया जा सके."
इस बार की तीन नई श्रेणियां हैं "सोशल चेंज", "प्राइवेसी एंड सेक्योरिटी" और "आर्ट्स एंड मीडिया". जो लोग डिजिटल दुनिया का इस्तेमाल अपने देश के नागरिक समाज को सशक्त करने के लिए करते हैं, उनके लिए ये सबसे अहम मुद्दे हैं. एक अंतरराष्ट्रीय जूरी इन तीन श्रेणियों के विजेताओं का चयन करेगी.
सोशल चेंज की श्रेणी में एक ऐसे प्रोजेक्ट को सम्मानित किया जाएगा जो डिजिटल दुनिया के जरिए समाज में बदलाव लाने की ओर काम कर रहा है, एक ऐसी कोशिश जो शिक्षा, समान अधिकार, सेहत और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देती हो.
प्रिवेसी एंड सिक्यूरिटी की श्रेणी में एक सॉफ्टवेयर या वेबसाइट को मान्यता दी जाएगी जो लोगों के डाटा और उनकी निजता को सुरक्षित रखने में मदद मुहैया कराता हो. ऐसा किसी इनोवेशन के तहत किया जा सकता है, यूजर फ्रेंडली ऐप के जरिए या फिर वेबसाइट पर डाटा सुरक्षा संबंधी विस्तृत जानकारी दे कर. कोई ऐसा टूल, जो सेंसर से निपटने में काम आता हो, उसे भी यहां जगह दी जाएगी.
आर्ट्स एंड मीडिया की श्रेणी में कला और संस्कृति से जुड़ी ऐसी मुहीम को सम्मानित किया जाएगा जो डिजिटल कम्यूनिकेशन के माध्यम से सामाजिक मुद्दों को कलात्मक रूप से दर्शाती है. कोई ऐसा प्रोजेक्ट जो रचनात्मक रूप से सूचना के प्रसार का काम कर रहा हो, उस पर भी यहां ध्यान दिया जाएगा, मिसाल के तौर पर सिटीजन जर्नलिज्म से जुडी पहलकदमियां.
इंटरनेट की दुनिया के 14 जानकार
14 सदस्यों वाली अंतरराष्ट्रीय जूरी में प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाली सभी 14 भाषाओं के इंटरनेट एक्सपर्ट मौजूद हैं. मई की शुरुआत में बर्लिन में होने वाली एक बैठक में वे ब्लॉग्स पर चर्चा करेंगे और तीन जूरी श्रेणियों के विजेताओं का चयन करेंगे. इस साल जूरी में शामिल हुए चार नए सदस्य हैं, अरबी भाषा के लिए लैला नखवती, पुर्तगाली के लिए मौरिसिओ सांतोरो, फारसी के लिए सनम दौलतशाही और रूसी भाषा के लिए एलेक्सेंडर मोरोजोव.
क्यूबा की ब्लॉगर योआनी सांखेज खुद पहले बॉब्स विजेता रही चुकी हैं. अब अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त इस ब्लॉगर को कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. लेकिन डॉयचे वेले ने 2008 में ही इस हीरे को खोज निकाला था और बॉब्स में उन्हें सम्मानित किया था. उस वक्त किसी की नजरें उन पर नहीं पड़ी थीं. इसी तरह चीन के लेखक ली चेनपेंग या फिर मिस्र के फोटोब्लॉगर और 2014 के मुख्य पुरस्कार विजेता मोसाब अल शामी उन देशों में अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार के लिए आवाज उठा रहे हैं, जहां इसे किसी स्वाभाविक अधिकार के रूप में नहीं देखा जाता.
मुख्य पुरस्कार और जूरी पुरस्कारों के अलावा पूरी दुनिया से इंटरनेट यूजरों द्वारा 14 भाषाओं में भी विजेता चुने जाएंगे. 09 अप्रैल 2015 से सभी 14 भाषा श्रेणियों में वोट दिए जा सकते हैं. हर भाषा में सबसे ज्यादा वोट पाने वाले पांच फाइनलिस्ट जूरी के सामने पेश किए जाएंगे. जून महीने में बॉन में आयोजित होने वाले डॉयचे वेले के ग्लोबल मीडिया फोरम में विजेताओं को पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा.