बोको हराम से स्कूलों को खतरा
१८ दिसम्बर २०१४पांच साल की एमा एसीका का दिन अपनी छोटी बहन के लिए लोरी गाने और घर का काम करने में गुजरता है. नाइजीरिया के पूर्वोत्तर में रहने वाली एमा के घर वालों को बोको हराम के आतंकवादियों ने बेघर कर दिया है. उसकी मां डेला का कहना है, "मेरे पास गुजारे का कोई साधन नहीं है. घर से भागते वक्त मेरा सारा सामान भी पीछे छूट गया."
उसका कहना है कि खुशी इस बात की है कि वह अब भी जिंदा है लेकिन दुख इस बात का कि बच्चियां स्कूल नहीं जा पा रही हैं. एमा उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करती है, जो खराब शिक्षा व्यवस्था से प्रभावित हुई है. नाइजीरिया के तीन प्रांत - अदामावा, बोर्नो और योबे इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. ऊपर से खराब सुरक्षा व्यवस्था ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है. कई स्कूलों को यहां बंद करना पड़ा है.
जो स्कूल खुले हैं, वहां हाजिरी बहुत कम है क्योंकि वहां भी हमले का खतरा है. योबे में फरवरी को हुई गोलीबारी में 40 लड़के मारे गए थे. इससे दो महीने पहले बोर्नो में 234 बच्चियों का अपहरण कर लिया गया था. बोको हराम ने हजारों क्लासरूम जला दिए हैं. वह पश्चिमी शिक्षा व्यवस्था को नहीं मानता और लड़कों से कहता है कि उन्हें कुरान पढ़ना चाहिए, जबकि छात्राओं से कम उम्र में ही शादी की उम्मीद रखता है.
नाइजीरिया में फसाद शुरू होने से पहले से ही शिक्षा व्यवस्था चरमराई हुई है. साल 2008 में सिर्फ 22 फीसदी बच्चियां स्कूलों में नाम लिखाती थीं. देश के उत्तर में, दो तिहाई बच्चियों की शादी 15 साल से कम उम्र में कर दी जाती है, जबकि दक्षिण में ऐसी लड़कियों की संख्या 10 प्रतिशत के आस पास है. संयुक्त राष्ट्र ने 2013 में जो रिपोर्ट प्रकाशित की थी, उसके मुताबिक नाइजीरिया उन गिने चुने देशों में है, जहां सबसे कम लड़कियों को शिक्षा मिल पाती है - करीब 20 फीसदी.
अबूजा में यूनेस्को के क्षेत्रीय निदेशक हसना अलीदाऊ का कहना है, "यह साफ नहीं है कि असुरक्षा की स्थिति कब खत्म होगी, लेकिन खराब शिक्षा व्यवस्था की स्थिति तो लगातार और खराब होती जा रही है." उनका कहना है कि इसे फौरी तौर पर बेहतर करने की जरूरत है, ताकि साक्षरता दर बढ़ सके.
स्कूलों में सुरक्षा बढ़ाने के ख्याल से यूनेस्को ने 100 से ज्यादा स्कूलों में सुरक्षा अपनाने के लिए खास पर्चियां बांटी हैं. सरकारी एजेंसियां, नाइजीरिया शिक्षक संघ और नाइजीरिया में पत्रकारों के संगठन ने कर्मचारियों के लिए वर्कशॉप भी किए हैं. यूनेस्को स्थानीय सरकार और संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों के साथ स्कूलों में हाजिरी बढ़ाने पर काम कर रहा है. वह यह भी देख रहा है कि पारंपरिक और धार्मिक नेता किस तरह इस काम में मदद कर सकते हैं.
लेकिन हमले की स्थिति में कार्रवाई करने के उपायों और लड़कियों की ज्यादा भागीदारी की कोशिश के बावजूद अभिभावक अपनी बच्चियों को स्कूल भेजना पसंद नहीं करते हैं. नाइजीरिया में मुफ्त प्राथमिक शिक्षा का प्रावधान है लेकिन स्कूल आम तौर पर अनधिकृत रूप से 1000 डॉलर प्रति साल की दर से फीस लेते हैं. एसीका जैसे परिवारों के लिए यह रकम संभव नहीं. डेला का कहना है, "मैं उम्मीद करती हूं कि एक दिन यह सब गुजर जाएगा और मेरे बच्चे फिर से स्कूल जा सकेंगे. मेरा पति दोबारा काम पर जा पाएगा और मैं फिर से अपने पैरों पर खड़ी होकर कुछ कारोबार कर पाऊंगी ताकि परिवार की मदद कर सकूं."
एजेए/एमजे (डीपीए)