ब्रिक्स बैठक में एक बार फिर आमने सामने होंगे मोदी और शी
१७ नवम्बर २०२०विदेश मंत्रालय ने बताया कि सम्मेलन में कई विषयों पर चर्चा होगी, जिनमें ब्रिक्स देशों में सहयोग, बहुपक्षीय व्यवस्था में सुधार, कोविड-19 महामारी की रोकथाम, आतंकवाद का मुकाबला करने में सहयोग, व्यापार, स्वास्थ्य, ऊर्जा और आम लोगों के बीच रिश्ते शामिल हैं.
सम्मलेन पर विशेष रूप से इसलिए भी ध्यान रहेगा क्योंकि भारत और चीन के बीच लद्दाख में महीनों से जारी सैन्य गतिरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ दूसरी बार वर्चुअल मुलाकात होगी. इससे पहले पिछले सप्ताह ही शंघाई सहयोग संगठन की एक वर्चुअल बैठक में मोदी और शी की मुलाकात हुई थी.
उस बैठक में मोदी ने चीन की तरफ इशारा करते हुए कहा था कि संगठन के सभी देशों को एक दूसरे की संप्रभुता और अखंडता का आदर करना चाहिए. दोनों देशों की सेनाओं के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में मुठभेड़ हुए पांच महीने बीत चुके हैं लेकिन उसके बाद सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं ने हजारों सैनिकों और सैन्य उपकरण की जो तैनाती कर दी थी वो वैसी की वैसी है.
भारत के लिए ये चिंता का विषय है क्योंकि सर्दियां शुरू हो गई हैं और अगर गतिरोध चलता ही रहा तो उस बर्फीले इलाके में सर्दियों का पूरा मौसम काटना भारतीय सेना के जवानों के लिए अत्यंत कठिन हो जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि बैठकों के इस सिलसिले से दोनों देशों के बीच राजनीतिक स्तर पर सहयोग बढ़ेगा और दोनों सैन्य गतिरोध को अंत करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे.
जहां तक ब्रिक्स का सवाल है, भारत एक बार फिर समूह की अध्यक्षता ग्रहण करने जा रहा है और उसके बाद वो 2021 में होने वाले शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा. भारत इसके पहले भी 2012 और 2016 में ब्रिक्स के अध्यक्ष की भूमिका में रह चुका है.
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