'भज्जी' वाला एड वापस लेने पर फैसला नहीं: माल्या
२० जुलाई २०११हरभजन सिंह इस मुद्दे पर माल्या के यूबी ग्रुप को कानूनी नोटिस भिजवा चुके हैं. माल्या का कहना है कि वे हरभजन सिंह के वकील की तरफ से भेजे गए नोटिस पर विचार कर रहे हैं. उन्होंने साफ किया कि विज्ञापन का मकसद भारतीय स्पिनर का मजाक उड़ाना नहीं है. माल्या ने कहा, "हम अभी नोटिस का अध्ययन कर रहे हैं और विज्ञापन को वापस लेने पर अभी कोई फैसला नहीं किया है. हम नोटिस का जल्द ही जवाब देंगे."
माल्या ने कहा कि उनकी कंपनी लंबे समय से खेल से जुड़ी है और यह मानना सही नहीं होगा कि इस विज्ञापन का मकसद हरभजन सिंह का अपमान करना है. वह कहते हैं, "यह एक मजाकिया विज्ञापन है और निश्चित तौर पर इसमें किसी को निशाना नहीं बनाया गया है. ऐसे बहुत से टीवी विज्ञापन है जो मजाकिया हैं लेकिन उन पर कोई आपत्ति नहीं करता. तो फिर लोग इस पर क्यों एतराज कर रहे हैं."
माल्या का कहना है कि हो सकता है कि उनका प्रतिद्वंद्वी ब्रांड इस विवाद को हवा दे रहा हो और हरभजन को इसमें बेवजह घसीटा जा रहा हो. वह कहते हैं, "ऐसा लगता है कि प्रतिद्वंद्वी ब्रांड इसके पीछे है, न कि हरभजन. वे इस विवाद को पैदा कर रहे हैं. यह मुहिम हरभजन की कंपनी की तरफ से चलाई जा रही है."
यूबी ग्रुप के चेयरमैन ने कहा कि वह धोनी और हरभजन, दोनों का बहुत सम्मान करते हैं और दोनों के बीच दरार पैदा करने का सवाल ही नहीं उठता. माल्या ने कहा, "मैं साफ कर देना चाहता हूं कि दोनों के बीच दरार पैदा करना का कोई इरादा नहीं है. हम सभी को उन जैसे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों पर गर्व है. उनके निजी रिश्तों को नुकसान पहुंचाने का कोई सवाल ही नहीं है. मैं खेल से बहुत प्यार करता रहा हूं और मैं ऐसा कभी नहीं करूंगा. यह एक मजाकिया विज्ञापन है और उसे उसी तरह लिया जाना चाहिए."
हरभजन के वकीलों ने कानूनी नोटिस में कहा है कि विज्ञापन में ऑफ स्पिनर, उनके परिवार और सिख समुदाय का मजाक उड़ाया गया है. नोटिस भेजते हुए हरभजन सिंह की मां अवतार कौर ने कहा कि इस तरह के विज्ञापन भारतीय टीम में दरार पैदा करते हैं और इसे राष्ट्र विरोधी कहा जा सकता है. धोनी और हरभजन दो प्रतिद्वंद्वी कंपनियों का प्रचार करते हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/कुमार
संपादनः एन रंजन