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भारत एक बुनियादी खतरा है: मुशर्रफ

२७ मार्च २०११

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का मानना है कि भारत उनके देश के लिए एक बुनियादी खतरा है. मुशरर्फ ने परमाणु हथियारों की जिम्मेदारी भी भारत पर डाली.

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तस्वीर: AP

अमेरिकी पत्रिका टाइम ने एक इंटरव्यू में मुशर्रफ से पूछा कि उनके देश के लिए कट्टरपंथ बड़ा खतरा है या भारत, तो उन्होंने भारत का नाम लिया. उन्होंने कहा, "इस वक्त कट्टरपंथ और आतंकवाद खतरा है लेकिन इसे आप स्थायी नहीं कह सकते."

मुशर्रफ ने कहा कि भारत की फौज का 90 फीसदी हिस्सा पाकिस्तान पर नजर लगाए बैठा रहता है इसलिए उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. इंटरव्यू के दौरान जब परमाणु हथियारों की बात चली तो पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने कहा, "हां, हमारे पास परमाणु हथियार हैं और हमें उन पर गर्व है. परमाणु हथियार पाकिस्तान की हर गली मोहल्ले के हर आदमी, औरत और बच्चे के लिए फख्र की बात हैं. लेकिन हम परमाणु ताकत क्यों हैं? भारत की वजह से."

पाकिस्तान खतरनाक

मुशर्रफ से पूछा गया कि क्या वह पाकिस्तान को दुनिया का सबसे खतरनाक मुल्क मानते हैं तो उन्होंने कहा, "हां, पाकिस्तान बहुत खतरनाक है लेकिन सबसे ज्यादा खतरनाक अफगानिस्तान है."

मुशर्रफ ने कहा कि पाकिस्तान में कट्टरपंथ से निपटने के दो ही तरीके हैं. या तो उसके सामने हथियार डाल दिए जाएं या फिर कुछ किया जाए. उन्होंने कहा, "मैं जानता हूं कि पाकिस्तान के लोग उदारवादी हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार और नेतृत्व धार्मिक संगठनों और कट्टरपंथियों को नजरअंदाज करके उन्हें बढ़ावा दे रहे हैं."

67 साल के मुशर्रफ ने कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान से अपनी फौजें वापस बुलाकर ठीक नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा, "मैं जानता हूं कि अमेरिका और पश्चिमी मुल्कों में जनता की राय क्या है. लेकिन असली नेतृत्व का पता तभी चलता है जब आपको जनता की राय बदलने की जरूरत होती है न कि इसके साथ बह जाने की. यह न तो आपके हित में हैं न दुनिया के. इस वक्त अफगानिस्तान का यही सच है."

मैं बेन अली नहीं

2008 में राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद से मुशर्रफ दुबई या लंदन में रह रहे हैं. हालांकि वह 2013 के आम चुनाव से पहले वापस पाकिस्तान जाने की बात कह चुके हैं. उन्होंने अपनी पार्टी भी बनाई है. इंटरव्यू में उन्होंने लीबिया के मौजूदा हालात पर भी बात की. उन्होंने कहा कि लोगों की इच्छा सबसे ऊपर है और इस संकट का कोई राजनीतिक हल खोजा जाना चाहिए. हालांकि जब मुशर्रफ की तुलना ट्यूनिशिया के नेता जिने अल अबिदिन बेन अली या मिस्र के हुस्नी मुबारक से की गई, तो उन्होंने इसे सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी मर्जी से बहुत ही शांतिपूर्ण ढंग से पाकिस्तान छोड़ा.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः उभ

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