भारत और "क्वॉड" के दूसरे सदस्यों की चीन पर बातचीत
६ अक्टूबर २०२०यह बैठक डिजिटल नहीं होगी और चारों विदेश मंत्री भारत के एस जयशंकर, अमेरिका के माइक पोम्पिओ, जापान के तोशीमित्सु मोतेगी और ऑस्ट्रेलिया की मरिस पेन टोक्यो में उपस्थित रहेंगे. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ को इस यात्रा के दौरान दक्षिण कोरिया और मंगोलिया भी जाना था लेकिन वॉशिंगटन में कोरोना वायरस संकट के पैर जमाने की वजह से उन्हें इन दोनों देशों में जाने का कार्यक्रम रद्द करना पड़ा.
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और उनके कई करीबी सलाहकार कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं. बैठक के लिए अमेरिका से निकलने से पहले पोम्पिओ ने पत्रकारों को बताया कि "हमलोग इस बैठक को आयोजित करने की बहुत लंबे समय से कोशिश कर रहे थे." उन्होंने ट्वीट भी किया, "स्वतंत्र, मजबूत और समृद्ध देशों वाले मुक्त और खुले इंडो-पैसिफिक प्रांत के लिए हमारी साझा परिकल्पना को प्रोत्साहन देने के लिए सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा होगी, जिसकी तरफ मैं काफी उम्मीद से देख रहा हूं."
उन्होंने पत्रकारों को यह भी बताया कि वो "कुछ महत्वपूर्ण घोषणाओं और कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियों" की उम्मीद कर रहे हैं. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि ये घोषणाएं टोक्यो में नहीं की जाएंगी, बल्कि चारों मंत्रियों के अपने देश लौट कर अपने नेताओं से बातचीत करने के बाद होगी, ताकि यह सही कदम सुनिश्चित किया जा सके." क्वॉड समूह को जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने प्रांत के मुख्य लोकतांत्रिक देशों द्वारा एक ऐसी पहल के रूप में काफी प्रोत्साहन दिया था जिसका उद्देश्य है चीन द्वारा तेजी से शक्ति प्रदर्शन के सामने अपने आपसी सहयोग को बढ़ाना.
अब जापान में उनकी जगह प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा हैं जिन्होंने पिछले महीने ही प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. सुगा के सामने संतुलन बैठाने का एक नाजुक काम है जिसमें एक तरफ उन्हें चीन के साथ जापान के साथ द्विपक्षीय रिश्तों में आए सुधार को भी जारी रखना है और दूसरी तरफ अपने बाकी तीनों मित्र देशों का भी समर्थन करना है जो इस समय चीन के साथ गंभीर विवादों के बीच हैं.
उन्होंने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि उनकी कोशिश रहेगी कि वो "एक मुक्त और खुले इंडो-पैसिफिक को प्रोत्साहन दें" लेकिन उसके साथ "पड़ोसी देशों से अपने रिश्तों को स्थिर बनाएं, जिनमें चीन और रूस शामिल हैं." बैठक के पहले एक जापानी राजनयिक ने मीडिया को बताया कि चारों मंत्री कोरोना वायरस से निपटने के उपाय, समुद्री सुरक्षा और साइबर सुरक्षा पर चर्चा करेंगे.
उन्होंने कहा, "कोरोना वायरस के बाद की दुनिया के लिए एक मुक्त और खुले इंडो-पैसिफिक की परिकल्पना का महत्व और बढ़ गया है." हालांकि इस बैठक से तुरंत किसी ठोस नतीजे की उम्मीद नहीं है. एजेंडा पर ना कोई साझा बयान है और ना कोई प्रेस वार्ता. क्वॉड की पहली बैठक पिछले साल न्यूयॉर्क में हुई थी और अब हर साल एक बैठक आयोजित करने की कोशिश की जा रही है.
सीके/एए (एएफपी)
__________________________
हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore