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चीन ने दो दिनों में दूसरी बार की घुसपैठ की कोशिश

२ सितम्बर २०२०

लद्दाख में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच तनाव लगातार बना हुआ है. इसी बीच भारत ने कहा है कि चीन ने दो ही दिनों में दो बार लद्दाख में भड़काऊ कार्रवाई की है.

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Konflikt China Indien | Ganderbal-Grenze
तस्वीर: picture-alliance/ZUMA Press/I. Abbas

रविवार को पूर्वी लदाख में चीनी सेना की सैन्य गतिविधि के एक ही दिन बाद सोमवार को चीनी सैनिकों ने एक बार फिर उसी इलाके में अतिक्रमण की कोशिश की थी. भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि सोमवार की घटना तब हुई जब दोनों सेनाओं के ग्राउंड कमांडरों के बीच तनाव को कम करने के लिए बातचीत चल रही थी. मंत्रालय के बयान के अनुसार, "चीनी सैनिकों ने एक बार फिर भड़काने वाली कार्रवाई की. समय रहते भारतीय सैनिकों ने रक्षात्मक कार्रवाई की और यथास्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिशों को विफल कर दिया."

मीडिया में आई कुछ खबरों के अनुसार चीनी सैनिकों ने एक ऐसी पहाड़ी पर कब्जा करने की कोशिश की जो पहले से भारतीय सेना के नियंत्रण में थी. इस क्रम में चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों को घेर लिया, लेकिन भारतीय सेना ने उन्हें आगे ना बढ़ने की चेतावनी दी और उसी वक्त भारतीय कमांडर से बात कर रहे चीनी कमांडर को अपने सैनिकों को पीछे हटने का आदेश देने पड़ा.

मंगलवार का दिन लद्दाख में सैन्य तनाव से संबंधित कई गतिविधियों का रहा. सैन्य गतिविधियों के अलावा दोनों देशों ने एक दूसरे के खिलाफ बयान भी दिए और भारत में स्थिति का जायजा लेने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक भी हुई. भारत में चीन के दूतावास के प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि "भारतीय सैनिकों ने सोमवार को पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर और चीन-भारत सीमा के पश्चिमी सेक्टर में रेकिन दर्रे में गैर-कानूनी ढंग से वास्तविक नियंत्रण रेखा पार की और भड़काऊ कार्रवाई की." प्रवक्ता ने भारत पर "चीन की संप्रभुता के घोर उल्लंघन" का आरोप लगाया.

Indien China Konflikt Indian Air Force
लद्दाख में बर्फ से ढकी पहाड़ियों के बीच भारतीय वायु सेना का एक विमान.तस्वीर: Getty Images/AFP/T. Mustafa

दोनों पक्षों की तरफ से बयानबाजी के बीच नई दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक स्थिति का जायजा लेने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एम एम नारवाने और डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स ने भी हिस्सा लिया. 

जानकारों का कहना है यह बहुत ही चिंताजनक स्थिति है और अगर इस इलाके में दोनों सेनाओं के बीच तनाव को तुरंत खत्म नहीं किया गया तो हालात कभी भी खतरनाक मोड़ ले सकते हैं.

इसी बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कई देशों के रक्षा मंत्रियों की एक बैठक में हिस्सा लेने के लिए रूस की राजधानी मॉस्को जा रहे हैं. उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि वहां वो रूस के रक्षा मंत्री जनरल शोइगु से अलग से मिलेंगे और द्विपक्षीय विषयों पर चर्चा करेंगे.

दिलचस्प यह है कि जिन संगठनों के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठकें मॉस्को में होंगी, उनमें शांघाई सहयोग संगठन (एससीओ) भी शामिल है, जिसका चीन सदस्य है. लिहाजा राजनाथ सिंह की मुलाकात चीन के रक्षा मंत्री से भी होने की संभावना है. भारत और चीन के बीच बढ़े हुए सैन्य तनाव के मद्देनजर इस मुलाकात और बैठक पर सब की निगाहें रहेंगी. 

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