भारत के सकारात्मक रुख का इंजतारः पाकिस्तान
२८ सितम्बर २०१०पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि उन्होंने बातचीत के सिलसिले में राजनयिक माध्यम से नई दिल्ली को कुछ "सुझाव" भी भेजे हैं. इन सुझावों के बारे में स्पष्ट रूप से कुछ बताए बिना उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भारत की तरफ से सकारात्मक जवाब का इंतजार है. कुरैशी ने कहा, "अगर सकारात्मक जवाब आता है तो बातचीत तुरंत हो सकती है." कुरैशी ने जोर देकर कहा कि बातचीत ऐसी होनी चाहिए जिसका कोई नतीजा निकले.
उधर भारतीय विदेश सचिव निरुपमा राव ने कहा है कि दोनों देशों के बीच बातचीत जरूरी है लेकिन पहले पाकिस्तान को अपनी सरजमीन से भारत के खिलाफ फैलने वाले आतंकवाद को समर्थन देना रोकना है. उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि आतंकवाद की हमारी चिंताओं से ध्यान भटकाया जाना चाहिए. पाकिस्तान को अपने इस वादे को पूरा करना चाहिए वह अपने यहां से भारत के खिलाफ होने वाले आतंकवाद को समर्थन देना बंद करेगा." हालांकि राव ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री की इस बात पर कुछ नहीं कहा कि बातचीत के लिए इस्लामाबाद से कुछ सुझाव भेजे गए हैं.
कश्मीर, सियाचिन और पानी को लेकर विवादों की चर्चा करते हुए कुरैशी ने कहा, "जब तक इन मुद्दों को मेज पर नहीं रखा जाएगा तो पाकिस्तान भारत से कैसे बात कर सकता है." उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि पाकिस्तान बातचीत के लिए भारत के सामने शर्ते रख रहा है. उनके मुताबिक, "जो सुझाव पेश किए गए हैं उनका मकसद एक सार्थक बातचीत है." उन्होंने कहा कि भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा के इस्लामाबाद दौरे को नाकाम माना जाता है, लेकिन फिर भी बातचीत रचनात्मक और सार्थक रही.
इसके जवाब में राव ने कहा, "हमारा रुख बिल्कुल साफ है. हम पाकिस्तान के साथ बातचीत को बनाए रखना चाहते हैं. हम लंबित मुद्दों पर बात करने को तैयार हैं. भारत और पाकिस्तान को बहुत ही तार्किक और सतत तरीके से बातचीत करनी चाहिए."
इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान कॉमनवेल्थ देशों के मंत्रियों की बैठक में भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों का आमना सामना हुआ. पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र की इमारत में भी दोनों एक दूसरे से टकराए. कृष्णा ने भारतीय मीडिया को बताया कि दोनों के बीच दुआ सलाम हुई.
पिछले हफ्ते पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने न्यूयॉर्क में कई सार्वजनिक मंचों पर कश्मीर की स्थिति को उठाया. वैसे दोनों ही विदेश मंत्री बातचीत के हक में हैं. कृष्णा कहते हैं, "भारत पाकिस्तान के साथ बातचीत को जारी रखना चाहता है क्योंकि इसके अलावा कोई और विकल्प भी नहीं है. बातचीत ही आगे बढ़ने का इकलौता रास्ता हैं."
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य