भारत को पाकिस्तानी सेना की चेतावनी
२६ फ़रवरी २०१९भारतीय वायुसेना के हमले की पुष्टि करने के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक और सैन्य सरगर्मियां काफी तेज रहीं. प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेनाप्रमुख और सैन्य कमांड के प्रमुख अधिकारियों के साथ बैठक की है.
इमरान खान के साथ नेशनल सिक्योरिटी कमेटी की बैठक के बाद पाकिस्तानी सेना के मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा, "आज, प्रधानमंत्री ने सबसे हर समय तैयार रहने को तैयार कहा है. हम सब तैयार हैं. अब भारत को हमारे जवाब का इंतजार करना है. हम आपको चौंका देंगे."
गफूर ने कहा, "जबाव जरूर दिया जाएगा और उसका समय व उसकी जगह हमारी सिविल मिलिट्री लीडरशिप तय करेगी, और तथ्य तो यह है कि फैसला हो चुका है. हम भारत की सच्चाई पहले ही उजागर कर चुके हैं और हम ऐसा फिर करेंगे ताकि दुनिया को पता चले कि भारत असल में क्या चाहता है."
इस बीच यूरोपीय संघ और चीन ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है. यूरोपीय संघ की प्रवक्ता माया कोसिजानकिच ने कहा, "हम भारत और पाकिस्तान के मौजूदा हालात को करीब से देख रहे हैं. हम दोनों देशों के संपर्क में है और हमें लगता है कि यह बहुत जरूरी है कि हर तरह की कार्रवाई से बचा जाए और तनाव को और बढ़ने से रोका जाए."
भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी की तड़के कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार जा कर पाकिस्तान के बालाकोट इलाके में किए गए. खैबर पख्तूख्वाह प्रांत का बालाकोट शहर, पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से 196 किलोमीटर दूर है.
भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने हमलों के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, "बड़ी संख्या में जैश ए मुहम्मद के आतंकवादी, ट्रेनर, सीनियर कमांडर और फिदाईन के तौर पर ट्रेनिंग लेने वाले जिहादियों को खत्म कर दिया गया है." 1971 के बाद यह पहला मौका है जब भारतीय वायुसेना ने नियंत्रण रेखा पार की है.
राजस्थान में एक चुनाव रैली को संबोधित करते हुए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसका जिक्र किया. मोदी ने कहा, "देश सुरक्षित हाथों में है. सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश को मिटने नहीं दूंगा. मैं देश को झुकने नहीं दूंगा. ये मेरा भारत माता से वादा है कि मैं उसके सम्मान की रक्षा करुंगा."
हमले के बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों को भारतीय वायुसेना की सैन्य कार्रवाई की संक्षिप्त जानकारी भी दी है. भारतीय समचार एजेंसी आईएएनएस ने सूत्रों के हवाले लिखा है कि विदेश सचिव विजय गोखले और विदेश मंत्रालय के सचिवों ने विदेशी राजदूतों को हमले की संक्षिप्त जानकारी दी. इनमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पी-5- अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन भी हैं. गोखले पुलवामा हमले के अगले दिन पी-5 राजदूतों समेत लगभग 25 राजदूतों से मिले थे.
14 फरवरी 2019 को भारत प्रशासित कश्मीर के पुलवामा जिले में भारतीय अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ. हमलावर ने विस्फोटकों से भरी कार को काफिले की एक बस के पास उड़ा दिया. हमले में 40 से ज्यादा जवान मारे गए. जैश ए मुहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली. भारत का आरोप है कि पाकिस्तान के चलने वाले जैश ए मुहम्मद को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी और सेना का समर्थन है.
पाकिस्तान पुलवामा हमले में अपनी भूमिका से इनकार कर रहा है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत से कहा कि अगर वह पुख्ता सबूत दे तो पाकिस्तान दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा. पुलवामा हमलों के बाद दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्व हैं. वायुसेना के हमलों के बाद यह तल्खी और विस्फोटक हो गई है.
ओएसजे/एनआर (एपी, एएफपी, रॉयटर्स, आईएएनएस)