गलवान में चीनी सेना ने बनाया शिविर
२५ जून २०२०लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना के हाथों 20 भारतीय सैनिकों के मारे जाने के 10 दिन बीत चुके हैं. इस बीच चीन के साथ सैन्य और कूटनीतिक दोनों स्तरों पर लगातार बातचीत करने के बावजूद भारत को अभी तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है. इसके उलट, मीडिया संस्थानों और स्वतंत्र विश्लेषकों से जो खबरें आ रही हैं, उनसे चीन की बढ़ी आक्रामकता के ही संकेत मिल रहे हैं.
अमेरिकी स्पेस टेक्नोलॉजी कंपनी मैक्सार द्वारा उपलब्ध कराए गए सैटेलाइट से प्राप्त हुए चित्र सामने आए हैं. इन्हें दिखाते हुए भारतीय मीडिया में आई कई खबरों में दावा किया गया है कि गलवान घाटी में 15 जून की मुठभेड़ में जिस जगह पर चीन की एक निगरानी चौकी को भारतीय सैनिकों ने ध्वस्त कर दिया था, वहां फिर से चीनी सेना ने एक पूरा शिविर खड़ा कर लिया है और साथ में सैनिक और तोपें भी तैनात कर दी हैं.
सैटेलाइट फोटो में क्या दिखा
चित्रों में दिखाई दे रहा है कि जिस पेट्रोलिंग पॉइंट 14 पर भारतीय सिपाही मारे गए थे वहां चीनी सैनिक और बड़ी संख्या में वापस आ चुके हैं. भारत में सरकार या सेना ने इस पर कोई वक्तव्य जारी नहीं किया है, लेकिन कई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि ये शिविर वास्तविक नियंत्रण रेखा के दोनों तरफ फैला हुआ है, जो कि दोनों देशों के बीच सीमा समझौतों का सीधा उल्लंघन है.
इन सब गतिविधियों के बावजूद दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बुधवार को हुई बातचीत में 'डिसएंगेजमेंट और डीएस्केलेशन' यानी सेनाओं के पीछे हटने और गतिरोध की तीव्रता को कम करने पर एक बार फिर सहमति बनी. लेकिन ऐसा लग रहा है कि जमीन पर हकीकत इससे बिल्कुल अलग है. चीन ने ना सिर्फ पहले से अविवादित गलवान घाटी पर अपने स्वामित्व के दावे को दोहराया है, बल्कि वहां सेना भी तैनात कर दी है.
इस बीच मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि लद्दाख के डेपसांग में चीनी सेना ने जहां नई घुसपैठ कर दी थी वहां सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण दौलत बेग ओल्डी हवाई पट्टी से सिर्फ 30 किलोमीटर दूर चीनी सेना ने भारी संख्या में सिपाही, भारी सैन्य वाहन और विशेष सैन्य उपकरण तैनात कर दिए हैं. लद्दाख के कई सेक्टरों में एक साथ स्थिति तनावपूर्ण हो गई है, जहां भारतीय सेना ने भी चीनी सेना के सामने सैनिकों और उपकरणों को तैनात कर दिया है. पूरे पूर्वी लद्दाख में फैले इन इलाकों में डेपसांग-दौलत बेग ओल्डी, गलवान, हॉट स्प्रिंग्स, पैंगोंग झील, चुशुल, डेमचोक और चुमार सेक्टर शामिल हैं.
चीन से आक्रामक वक्तव्य
बुधवार को चीन के विदेश और रक्षा मंत्रालयों ने अलग अलग वक्तव्य जारी कर गलवान घाटी पर चीन के स्वामित्व का दावा किया. भारत ने पिछले सप्ताह ही इन दावों को "अतिशयोक्तिपूर्ण" और "असमर्थनीय" बताया था, लेकिन इस संबंध में भी चीन ने पीछे हटने से इंकार कर दिया है. अपने ताजा वक्तव्य में, चीनी विदेश मंत्रालय ने भारतीय विदेश मंत्रालय और भारतीय मीडिया पर गलवान को लेकर झूठी खबरें फैलाने का आरोप भी लगाया.
चीन ने भारतीय सेना के सैनिकों पर घुसपैठ और हिंसा करने का और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मानकों के उल्लंघन का आरोप लगाया और इसके "गंभीर परिणामों" की चेतावनी भी दी.
__________________________
हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore