भारत ने पाकिस्तान में सुरक्षा मांगा
२२ नवम्बर २०१२मुंबई पर हमला करने वालों में शामिल अजमल आमिर कसाब को फांसी देने के बाद पाकिस्तानी तालिबान भड़क उठा है. तालिबान के प्रवक्ता अहसानुल्लाह अहसान ने कहा है, "अजमल कसाब की मौत का बदला लेने के लिए हमने भारतीयों को निशाना बनाने का फैसला किया है. अगर उन्होंने उसका शव हमें या उसके परिवार को नहीं सौंपा तो हम भारतीयों को उठा लेंगे और उनके शव नहीं देंगे." इसके साथ ही तालिबान प्रवक्ता ने यह भी कहा है कि वो "हर जगह" हिंदुस्तानी लोगों को निशाना बनाएंगे.
भारत सरकार ने इस तालिबान की धमकी को गंभीरता से लिया है और पाकिस्तान सरकार से चौकसी बरतने की मांग की है. भारतीय विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने बुधवार की शाम कुछ विदेशी पत्रकारों से कहा, "हमने पाकिस्तान में अपने राजनयिकों की सुरक्षा के मामले में सावधानी बरतने को कहा है. हमने इस मामले में अपना अनुरोध पत्र भेज दिया है." भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि की है कि अतिरिक्त सुरक्षा के लिए मांग की गई है.
अल कायदा के साथ मिल कर काम करने वाला तालिबान पाकिस्तान में सुरक्षा के लिहाज से सबसे बड़ा खतरा माना जाता है. देश भर में अनगिनत आत्मघाती हमलों के लिए उसे जिम्मेदार माना जाता है. हालांकि उन्होंने अभी तक पाकिस्तान से बाहर कोई बड़ा हमला नहीं किया है. कसाब पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा का सदस्य था और वहां इस संगठन की ताकत काफी ज्यादा है. एक दिन पहले लश्कर ए तैयबा के प्रवक्ता ने भी कहा, "कसाब हमारा नायक है और उसकी मौत से और ज्यादा युवाओं को जिहादी कामों में शामिल होने की प्रेरणा मिलेगी."
यह संगठन पाकिस्तान और पाकिस्तान के बाहर हिन्दुस्तानी लोगों को निशाना बनाने की कोशिश कर सकते हैं जिसकी उन्होंने धमकी भी दी है. पाकिस्तान सरकार ने कसाब की मौत पर काफी सधी हुई प्रतिक्रिया जताई है.
अजमल आमिर कसाब ने 26 नवंबर 2008 की रात अपने नौ साथियों के साथ मुंबई पर हमला किया. इसमें 166 लागों की जान गई. सुरक्षा बलों की कार्रवाई में बाकी आतंकवादी मारे गए लेकिन कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया. कसाब को 86 अपराधों का दोषी करार दिया गया. उस पर दाखिल आरोप पत्र के 11,000 पन्नों में हत्या और भारत के खिलाफ जंग छेड़ने से लेकर बिना प्लेटफॉर्म टिकट के रेलवे प्लेटफॉर्म पर जाने तक के अपराध शामिल हैं.
कसाब की मौत के बाद भारत में बहुत से लोगों ने खुशी का इजहार किया है लेकिन पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में लोग नाराजगी जता रहे हैं. कसाब फरीदकोट का रहने वाला था और उसके गांव ने इस फांसी पर गुस्सा जाहिर किया है. यहां बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है और पत्रकारों को गांव तक नहीं पहुंचने दिया जा रहा है.
एनआर/एजेए (रॉयटर्स, एएफपी)