भारत-पाक की फिल्मों से दुश्मनी न बढ़ाएं
१९ सितम्बर २०१०नीलोफर का कहना है "भारत और पाकिस्तान के फिल्मकार जानते हैं कि सीमा के दोनों तरफ हालात अच्छे नहीं हैं. ऐसे में कोई नहीं चाहता कि जंग हो. पाकिस्तान में भारतीय फिल्मों से विवादित हिस्सों को निकालने के बाद ही उन्हें दिखाने की मंजूरी दी जाती है." शुक्रवार को शुरू हुए गोवा के फिल्म फेस्टिवल में शामिल होने पाकिस्तान से छह सदस्यों का एक दल आया हुआ है. नीलोफर ने भारतीय फिल्मकारों से दोनों मुल्कों के बीच नफरत की बजाय प्यार बढ़ाने वाली फिल्में बनाने की मांग रखी.
बख्तियार ने कहा, "हमारे बच्चों को शांति भरे माहौल में बड़े होने का मौका मिलना चाहिए. हमें अच्छे पड़ोसियों की तरह रहने की जरूरत है." नीलोफर पाकिस्तान में कैबिनेट मंत्री का ओहदा भी संभाल चुकी हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारतीय फिल्मकारों के साथ मिलकर फिल्में बनाना चाहता है. इसके साथ ही पाकिस्तानी फिल्मकारों को ट्रेनिंग की भी जरूरत है जो उन्हें भारत में मिल सकती है.
नीलोफर ने याद दिलाया कि लंबे समय तक संघर्ष करने और काफी दबाव बनाने के बाद ही पाकिस्तान में भारतीय फिल्मों को दिखाने की इजाजत मिल पाई है. अब भारतीय टीवी चैनलों को भी पाकिस्तान में दिखाने की मंजूरी मिल गई है. अब तो हर हिंदुस्तानी फिल्म पाकिस्तान में आधिकारिक रूप से रिलीज होती है. नीलोफर ने कहा कि ये अमन चाहने वाले लोगों के लिए एक बड़ी सफलता है.
गोवा में सभी दक्षिण एशियाई देशों के फिल्मी दुनिया से जुड़े लोग फेस्टिवल में शामिल होने आए हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः महेश झा