भारत में औद्योगिक प्रगति तेज़: संयुक्त राष्ट्र
२४ फ़रवरी २००९संयुक्त राष्ट्र की ताज़ा रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के गरीब देशों को अपनी प्राकृतिक संपदा को बेचने के बजाय उत्पादन पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिये. रिपोर्ट में एशियाई देशों, खासकर भारत की प्रशंसा की गई है जिसनें उत्पादन के क्षेत्र में बहुत ज्यादा प्रगति की है.
लेकिन प्रतिस्पर्धा उत्पादन प्रदर्शन यानि सीआईपी की सूचि में भारत तीन अंक नीचे आ गया है यानि 51 की जगह अब वह 54 वें स्थान पर है. नई दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संस्था, युनीडो की रिपोर्ट को प्रस्तुत करते हुए दक्षिण एशिया में युनीडो के अध्यक्ष फिलिप शोल्टेस ने बताया कि इसका कारण यह है कि 2005 में 87 देशों को गिना गया था और इस बार 122 देश शामिल किये गए हैं.
चेन्नई में चमड़ा उत्पादन क्लस्टर क्षेत्र को दुनिया के 10 सबसे तेज़ गति से औद्योगिक प्रगति करने वाले क्षेत्रों में शामिल किया गया है और भारत आने वाले समय में इस क्षेत्र का नेतृत्व करेगा और अन्य देशों के लिए एक उदाहरण साबित होगा.
युनीडो रिपोर्ट के अनुसार भारत में बढ़ते निर्यात की वजह से दक्षिण एशिया तैयार माल के निर्यात में सबसे तेज़ प्रगति करने वाला क्षेत्र बन गया है. साथ ही बताया गया कि उत्पादन अब विकसित देशों से हटकर विकासशील देशों में स्थापित हो रहा है.
तेज़ी से प्रगति करने वाले क्षेत्रों में पूर्व एशिया के बाद दूसरे स्थान पर दक्षिण एशिया में 7.9 प्रतिशत प्रगति हुई जिसमें भारत का योगदान 80 प्रतिशत रहा.
भारत में औद्योगिक उत्पादन मामलों के संयुक्त सचिव एनएन प्रसाद ने बताया कि चेन्नई के ही उदाहरण पर अन्य राज्यों में योजनाएं शुरू की गई हैं.
इस रिपोर्ट में सलाह दी गई है कि कच्चे माल को बेचने के बजाय गरीब देश उत्पादन पर ध्यान दें. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार दुनिया की उस एक अरब गरीब जनता के उत्थान के लिए कुछ खास नहीं किया जा रहा है जो प्रति दिन एक डॉलर यानि 45 रुपये की आमदनी में ज़िन्दगी बसर कर रहे हैं.