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मधुमक्खी के जहर में क्या कैंसर की दवा है

२ सितम्बर २०२०

यूरोपीय मधुमक्खियों का जहर अब तक दवाओं से बेअसर रहे स्तन कैंसर की कोशिकाओं के इलाज में "काफी कारगर" हो सकता है. इसका पता एक रिसर्च से चला है.

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Biene und Blume
तस्वीर: O. Willikonsky/imago images

ऑस्ट्रेलिया के हैरी परकिंस इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च ने 312 मधुमक्खियों और भौरों के जहर में कैंसररोधी गुणों की खोज की है. रिसर्च टीम ने पता लगाया है कि जहर और इसमें सबसे ज्यादा मौजूद मेलिटिन ट्रिपल निगेटिव स्तन कैंसर और एचईआर 2 संवर्धित स्तन कैंसर कोशिकाओं की मौत को बढ़ावा देता है. सिर्फ इतना ही नहीं इस काम के लिए इसके बहुत गाढ़े तरल की जरूरत नहीं होती तो ऐसे में यह दूसरी कोशिकाओं को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचाता.

इंस्टीट्यूट का कहना है कि ट्रिपल निगेटिव स्तन कैंसर यानी टीएनबीसी की तादाद स्तन कैंसर के सभी मामलों में करीब 10 से 15 फीसदी होती है. फिलहाल टीएनबीसी का कोई कारगर इलाज नहीं है. खोज करने वाली टीम की प्रमुख रिसर्चर कियारा डफी ने बताया, "जहर अत्यधिक ताकतवर था. हमने देखा कि मेलिटिन 60 मिनट के भीतर कैंसर कोशिकाओं के मेम्ब्रेन को पूरी तरह खत्म कर सकता है."

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तस्वीर: picture-alliance/Wildlife

पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख वैज्ञानिक प्रोफेसर पीटर क्लिंकेन के मुताबिक मेलिटिन का इन कोशिकाओं के विकास को रोकने का पता चलना "बेहद रोमांचकारी" है. नेचर प्रिसीजन ऑन्कोलॉजी जर्नल में छपी रिसर्च रिपोर्ट बताती है कि इस बात का भी परीक्षण किया गया कि क्या मेलिटिन को पहले से केमोथेरेपी में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के साथ मिलाकर ज्यादा आक्रामक स्तन कैंसर के इलाज में इस्तेमाल किया जा सकता है.

डफी के मुताबिक मेलिटिन स्तन कैंसर की कोशिकाओं के मेम्ब्रेन में छेद कर देता है. इसके बाद इलाज का इन कोशिकाओं के भीतर प्रवेश करने का रास्ता बन जाता है और इन कोशिकाओं की मौत आसान हो जाती है. मेलेटिन को डोसिटेक्सेल (केमोथेरेपी की एक दवा) के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने पर यह चूहों में ट्यूमर के विकास को रोकने में काफी सफल रही है.

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तस्वीर: Colourbox

दुनिया भर की महिलाएं सबसे ज्यादा स्तन कैंसर की शिकार बनती हैं. फेफड़ों के कैंसर के बाद दुनिया भर में सबसे ज्यादा मामले स्तन कैंसर के ही सामने आते हैं. 2018 में इसके 20 लाख से ज्यादा मामले सामने आए. लगभग इतनी संख्या फेफड़े के कैंसर पीड़ितों की भी थी. अमूमन दुनिया की हर सात में से एक महिला स्तन कैंसर का शिकार बनती है. स्तन कैंसर के कारण मरने वालों की तादाद महिलाओं में 13.7 फीसदी है.

महिलाएं नियंत्रित वजन, अल्कोहल का कम इस्तेमाल, ज्यादा शारीरिक गतिविधियां और स्तन पान कराकर कैंसर का शिकार बनने के जोखिम को कम कर सकती हैं. 

एनआर/एमजे (डीपीए)

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