मध्यपूर्व में युद्ध और भड़कने से कैसे रोके अमेरिका
६ अगस्त २०२४दो प्रमुख लोगों की हत्या ने इस्राएल पर जवाबी कार्रवाई की आशंकाएं बढ़ा दी है. ईरान और हिज्बुल्लाह हमले की धमकी लगातार दे रहे हैं. अमेरिका ने इस्राएल के सहयोग में अतिरिक्त जंगी जहाजों और लड़ाकू विमान इलाके में भेजे हैं. सोमवार को राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ संकट की स्थिति पर चर्चा भी की. बाइडेन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन तनाव घटाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं.
सैन्य तैयारी और कूटनीति
जो बाइडेन ने जॉर्डन के किंग अब्दुल्लाह द्वितीय को भी फोन किया है. अप्रैल में इस्राएल पर ईरान की ओर से दागे गए रॉकेटों और ड्रोन हमलों को नाकाम करने में जॉर्डन ने बड़ी भूमिका निभाई थी. दूसरी तरफ ब्लिंकेन ने कतर और मिस्र के अधिकारियों से बात की है. बीते 10 महीनों में इस्राएल और हमास की जंग में युद्धविराम के लिए सबसे ज्यादा कोशिशें इन्हीं देशों ने की हैं.
व्हाइट हाउस की बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करने के बाद ब्लिंकेन ने कहा, "हम गहन कूटनीति, में जुटे हुए हैं, लगभग चौबीसों घंटे, हमारा संदेश सरल है- सभी पक्षों को बढ़ावा देने से बचना होगा." अमेरिकी सेना के मध्यपूर्व के लिए कमांडर, जनरल माइकल कुरिला सोमवार को इस्राएल पहुंचे और सैन्य प्रमुख जनरल हर्जी हालेवी से मुलाकात कर सुरक्षा हालातों का जायजा लिया.
ईरान पर हमले का दबाव
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने "गाजा के दमित और असुरक्षित लोगों के खिलाफ" और हानियेह की हत्या को इस्राएल की "आपराधिक कार्रवाई" बता कर कड़े शब्दों में निंदा की. ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी आईआरएनए के मुताबिक पेजेश्कियान ने एक वरिष्ठ रूसी अधिकारी से मुलाकात के दौरान कहा, "इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान इलाके में युद्ध के दायरे का किसी तरह विस्तार नहीं चाहता है, लेकिन इस शासन को उसके अपराध और उग्रता के लिए जवाब जरूर मिलेगा." ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि रूस ने ईरान से आम लोगों को निशाना बनाने से बचने का अनुरोध किया है.
हानियेह की हत्याके बारे में इस्राएल ने सीधे तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. हालांकि ईरान की जमीन पर हुई इस हत्या के लिए इस्राएल की तरफ ही उंगलियां उठ रही हैं. इस हत्या से कुछ ही घंटे पहले बेरूत पर इस्राएली हमले में हिजबुल्लाह के सैन्य प्रमुख फुआद शुक्र की मौत हुई. इस्राएल ने शुक्र को गोलान पहाड़ियों में हुए रॉकेट हमले का जिम्मेदार माना था. जिसमें 12 बच्चों की मौत हुई थी.
नसरल्लाह की धमकी
शुक्र की हत्या के एक हफ्ते बाद मंगलवार को अपने भाषण में हिजबुल्लाह के प्रमुख नसरल्लाह ने इस्राएल पर जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है. नसरल्लाह ने कहा है कि पिछले हफ्ते हिज्बु्ल्लाह के सैन्य कमांडर फुआद शुक्र और हमास नेता इस्माइल हानियेह की हत्या के बाद हिज्बुल्लाह और ईरान को इस्राएल को "जवाब देना होगा" भले ही इसका "कुछ भी कोई नतीजा हो."
हसन नसरल्लाह ने टीवी पर प्रसारित संदेश में कहा है कि ईरान ने, "खुद जवाब देना जरूरी समझा है, और दुश्मन भारी डर के साथ इंतजार कर रहा है." नसरल्लाह ने यह भी कहा कि हिज्बुल्लाह इसका जवाब "अकेले" या फिर इलाके में ईरान समर्थित गुटों के "सभी दिशाओं से संयुक्त जवाब में शामिल हो कर देगा, चाहे इसका कुछ भी नतीजा हो."
7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद से ही हिज्बुल्लाह के गुट और इस्राएली सेना में लगभग हर रोज झड़पें हो रही हैं. मंगलवार को दक्षिणी लेबनान में इस्राएली हमले में हिज्बुल्लाह के चार लड़ाकों की मौत हुई.
तनाव घटाने की कोशिशें
तेल अवीव में एक यूरोपीय राजनयिक ने बताया कि ईरान और उसके समर्थित गुटों की ओर से एक संयुक्त जवाब की आशंका है लेकिन तनाव घटाने की कोशिशें भी जारी हैं. नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर इस अधिकारी ने कहा, "इसका मतलब यह नहीं है कि हर तरफ से एक साथ जवाबी हमला होगा. हम उनसे कह रहे हैं कि उन्हें आग से खेलना बंद करना होगा क्योंकि 7 अक्टूबर के बाद से अभी इसके भड़कने की आशंका बहुत बड़ी है."
कई देशों ने अपने नागरिकों को लेबनान से निकल जाने को कहा है. इसमें सोमवार को तुर्की भी शामिल हो गया. इस बीच चीन ने चौकसी बढ़ाने को कहा है. कई एयरलाइनों ने लेबनान के लिए अपनी उड़ानें या तो रद्द कर दी हैं या फिर उन्हें दिन के उजाले तक सीमित कर दिया है. लेबनान की राष्ट्रीय एयरलाइन मिडिल ईस्ट अतिरिक्त उड़ानों का संचालन कर लोगों को देश के बाहर और भीतर ले जा रही है.
बढ़ते तनाव के बीच ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉपरेशन, ओआईसी की बुधवार को जेद्दाह में बैठक हो रही है. ओआईसी के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि "फलस्तीन और ईरान ने" इलाके में हो रही गतिविधियों पर चर्चा के लिए बैठक बुलाने का अनुरोध किया था.
इस बीच इराकी सूत्रों ने जानकारी दी है कि इराक में अमेरिकी सैनिकों के एक ठिकाने पर रॉकेट हमला हुआ है. इससे पहले 30 जुलाई को एक अमेरिकी हमले में चार ईरान समर्थित इराकी लड़ाके मारे गए थे.
एनआर/एमजे (एएफपी)