मनमोहन पर असांज की टिप्पणी अपमानजनकः आडवाणी
१८ अप्रैल २०११भारत के बारे में लीक अमेरिकी राजनयिक संदेशों के सिलसिले में असांज ने कहा कि उनके पास सबूत तो नहीं हैं, लेकिन लगता है कि मनमोहन सिंह भ्रष्ट नहीं हैं, पर यहां अन्य लोगों के संभावित भ्रष्टाचार को छिपाने की साफ तौर पर कोशिश होती है. असांज ने यह बात भारतीय अखबार द हिंदू को दिए इंटरव्यू में कही.
कई मुद्दों पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को निशाना बनाने वाले बीजेपी नेता आडवाणी ने खुल कर मनमोहन सिंह का साथ दिया. वह कहते हैं, "भारत के बारे में लीक दस्तावेजों पर भारत सरकार की प्रतिक्रिया के संदर्भ में प्रधानमंत्री को लेकर असांज का बयान बेहद अपमानजनक है." अपने ब्लॉग में आडवाणी ने विकीलीक्स के सिलसिले में द हिंदू की तारीफ भी की. उन्होंने कहा कि द हिंदू ने अपने पाठकों को 5,100 राजनयिक संदेशों पर आधारित कीमती रिपोर्ट और लेख मुहैया करा कर वाकई ऐतिहासिक काम किया है.
15 मार्च से द हिंदू ने विकीलीक्स के सहयोग से भारत से जुड़े गोपनीय अमेरिकी राजनयिक संदेशों को छापना शुरू किया जिन्हें द इंडिया केबल का नाम दिया गया. इनमें भारत सरकार में उच्च स्तर तक और यहां तक कि संसदीय स्तर पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर रूप से फैले होने की बातें कही गई हैं. एक संदेश के मुताबिक एक कांग्रेसी नेता ने अमेरिकी दूतावास के अधिकारी को ढेरों नोट दिखाए जिनके जरिए 2008 में भारत-अमेरिकी परमाणु करार पर अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सरकार को बचाने के लिए सांसद खरीदे गए.
अपने हालिया इंटरव्यू में असांज ने कहा कि भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ ताजा मुहिम उनकी ओर से जारी संदेशों का ही नतीजा है. गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे के आंदोलन का हवाला देते हुए विकीलीक्स के संस्थापक ने कहा कि भारत में जो कुछ अब हो रहा है, वह महात्मा गांधी के बाद से कभी नहीं हुआ था. पांच दिन तक चले अपने आमरण अनशन के बाद हजारे ने सरकार को भ्रष्टाचार से निटपने के लिए लोकपाल विधेयक तैयार करने के लिए मजबूर किया.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह