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मिस्र के ब्लॉगर को 5 साल की सजा

२४ फ़रवरी २०१५

मिस्र में अरब वसंत का प्रमुख चेहरा रहे ब्लॉगर अला अब्देल फतह को पांच साल की सजा सुनाई गई. पूर्व राष्ट्रपति होस्नी मुबारक का विरोध करने वाले फतह गैरकानूनी प्रदर्शन के दोषी करार.

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तस्वीर: CC BY-SA 2.5/Common Good

मिस्र में 2011 में हुए सत्ता परिवर्तन में दिग्गज कार्यकर्ता अला अब्देल फतह की बड़ी भूमिका रही. काहिरा की एक अदालत ने उन्हें शांतिपूर्ण लेकिन गैरकानूनी प्रदर्शन का दोषी करार दिया है. मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सिसी पहले ही कह चुके हैं कि "गलत ढंग से जेल में डाले गए युवाओं" की रिहाई होगी.

पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर और शौक से ब्लॉगर व सामाजिक कार्यकर्ता अला अब्देल फतह को पहले 15 साल की सजा सुनाई गई थी. सजा के विरोध में अदालत में पुर्नविचार याचिका दायर की गई. सजा कम जरूर हुई है लेकिन बरकरार है. बचाव पक्ष ने फैसले का विरोध किया है.

इसी अदालत में सोमवार को अल जजीरा के दो पत्रकारों का भी केस लगा था. लेकिन कोर्ट ने सुनवाई आठ मार्च तक टाल दी. दोनों पर आतंकवाद से जुड़ी धाराएं लगाई गई हैं. अल जजीरा के एक ऑस्ट्रेलियन पत्रकार को भी मिस्र में एक साल से ज्यादा कैद में रखने के बाद उनके देश प्रत्यर्पित कर दिया गया.

Symbolbild Arabischer Frühling Ägypten
अरब वंसत के दौरान मिस्रतस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Khalil Hamra

2011 में अरब वसंत के दौरान मिस्र में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए. तत्कालीन राष्ट्रपति होस्नी मुबारक ने पहले बल प्रयोग कर इन्हें थामने की कोशिश की लेकिन हालात बिगड़ते चले गए. आखिरकार फरवरी 2011 में तीन दशक से मिस्र की सत्ता पर बैठे होस्नी मुबारक को राष्ट्रपति पद छो़ड़ना पड़ा. तब से देश में राजनीतिक अस्थिरता बनी है.

Ägypten Tag nach den Ausschreitungen 15. August 2013
प्रदर्शनकारी, राष्ट्रपति और अब मुलजिम मुरसीतस्वीर: picture-alliance/AP Photo

जून 2012 में मोहम्मद मुरसी के नेतृत्व में मुस्लिम ब्रदरहुड की सरकार बनी. मुरसी ने सेना के शीर्ष अधिकारी भी बदल दिए. लेकिन नवंबर 2012 में मुरसी ने एक विधान के जरिए राष्ट्रपति को अथाह अधिकार देने का फैसला किया. इसके बाद एक बार सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हो गए. अदालत ने इस विधान को असंवैधानिक करार दिया.

जून 2013 में मिस्र की सेना ने मुरसी को हिरासत में ले लिया. अब मिस्र की सत्ता फिर से सेना के हाथ में है. मुरसी के रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख रह चुके अब्देल फतह अल सिसी राष्ट्रपति हैं और सभी फैसले कर रहे हैं. मुरसी समेत मुस्लिम ब्रदरहुड के नेताओं पर मुकदमे चल रहे हैं. 500 से ज्यादा लोगों को मौत की सजा सुनाई जा चुकी है.

ओएसजे/आरआर (एपी, रॉयटर्स)