10 साल पहले अरब वसंत ने ट्यूनीशिया के बाद मिस्र में होस्नी मुबारक को अपना शिकार बनाया. एक महीने के भीतर दूसरी तानाशाही सरकार के गिरने से दुनिया में हलचल मच गई, ऐसा लगा जैसे अब पूरा अरब जगत लोकतंत्र के रास्ते पर चल पड़ेगा. हालांकि इस उम्मीद को ध्वस्त होने में ज्यादा देर नहीं लगी. मिस्र से मुबारक जरूर गए लेकिन तानाशाही नहीं.